गर्मी में तापमान तेजी से बढ़ रहा है और इसी के साथ एक आफत का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. जिसे मलेरिया कहा जाता है. दरअसल, गर्मी में मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है और ये मच्छर मलेरिया की बीमारी का कारण बन सकते हैं. लेकिन मलेरिया से बचने के लिए डॉ. शैलेंद्र गोयल ने कुछ असरदार टिप्स बताए हैं और मलेरिया के लक्षणों पर भी जानकारी दी है. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
Symptoms of Malaria: मलेरिया बीमारी के लक्षण
जेपी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. शैलेंद्र गोयल ने बताया कि खून के प्लास्मोडियम पैरासाइट द्वारा संक्रमित होने पर मलेरिया बीमारी होती है. जो कि एनाफिलीज मच्छर के काटने पर होता है. खून में पैरासाइट पहुंचने के 48 से 72 घंटे के अंदर रेड ब्लड सेल्स संक्रमित होने लगती हैं और मलेरिया के लक्षण दिखने लगते हैं. जैसे-
- ठंड लगना और कंपन होना
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- जी मिचलाना और उल्टी
- थकान और पसीना आना
- पेट में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द होना
- शरीर में दर्द
- कमजोरी, आदि
वहीं, डॉक्टर का कहना है कि मलेरिया की बीमारी गंभीर होने पर खून या मेटाबॉलिज्म में असामान्यताएं और शारीरिक अंग फेल होने का खतरा हो सकता है. वहीं, दिमाग की रक्त धमनियों में सूजन, लो ब्लड प्रेशर के कारण कार्डियो वैस्कुलर डैमेज होना और फेफड़ों में पानी भरने के कारण ब्रीदिंग प्रॉब्लम, एनीमिया, लो ब्लड शुगर, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस आदि के कारण स्थिति जानलेवा हो सकती है.
Malaria Treatment and Prevention: मलेरिया का इलाज और बचाव कैसे करें?
सौभाग्य से भारत में प्रभावशाली एंटी-मलेरियल दवाएं मौजूद हैं. जो कि मलेरिया के इलाज के लिए दी जाती हैं. हालांकि, इन दवाओं को सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए. आप मलेरिया से बचाव करने के लिए मच्छरों को फैलने से रोकने के टिप्स अपना सकते हैं. जैसे-
- अगर आपके हाथ या पैर कपड़ों से बाहर हैं, तो उन पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं.
- बिस्तर पर मच्छरदानी लगाएं.
- पानी की टंकी साफ रखें और घर के आसपास या छत पर पानी की इकट्ठा ना होने दें.
- ऐसे कपड़े पहनें, जो आपके पैर और हाथों को पूरी तरह ढक लें.
- अपने घर के दरवाजे व खिड़कियां बंद रखें.
- आसपास की जगह साफ रखें.
मलेरिया के खिलाफ बेअसर हो सकती है दवा, जानें कैसे?
डॉ. शैलेंद्र गोयल के मुताबिक, दुनिया के अधिकतर हिस्सों में मलेरिया की दवाएं बेहतरीन असर दिखा रही हैं. हालांकि, कुछ हिस्सों में मलेरिया का पैरासाइट एक बार फिर से गंभीर रूप ले रहा है और इसके मामले बढ़ रहे हैं. जिसके पीछे ड्रग रेजिस्टेंस मुख्य वजह है. आपको बता दें कि हर दवा एक खास प्रकार के पैथोजन को मारने या फैलने से रोकने के लिए बनाई जाती है. लेकिन जब पैथोजन के जीनोम में एक या उससे ज्यादा म्यूटेशन हो जाता है, तो पैथोजन दवाओं के असर से बचने में सक्षम हो सकते हैं. इसे ड्रग रेजिस्टेंस कहा जाता है. जो कि बहुत धीमी प्रक्रिया है, मगर साउथ-ईस्ट एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में यह चिंताजनक स्थिति पैदा कर रही है.
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