Benefits of Setubandhasana: हम देखते हैं कि काम के बहुत अधिक दबाव, चिंता, नींद संबंधी विकार और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सिरदर्द की समस्या हो सकती है. सिरदर्द दो प्रकार की होता है, एक सामान्य रूप से सिर में होने वाला दर्द और दूसरा माइग्रेन. यह दोनों ही स्थितियां सामान्य जीवन के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सिरदर्द के ज्यादातर मामले तनाव और थकान से जुड़े होते हैं, ऐसे में सांस लेने वाले व्यायाम और ध्यान मुद्रा योगासन से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है. इसके लिए आप ब्रिज पोज यानी सेतुबंधासन का अभ्यास कर सकते हैं.
ब्रिज पोज योग करने की विधि (How to do Bridge Pose Yoga)
- इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं
- अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर सपाट रखें.
- घुटनों को हिप्स की चौड़ाई से अलग रखें
- टखनों को अपने हिप्स तक स्ट्रेच करें.
- पैरों और बाहों को फर्श से प्रेस करते हुए, सांस लें.
- इस दौरान अपने हिप्स और चेस्ट को ऊपर उठाएं.
- अब अपनी पीठ को झुकाएं और रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं.
- सुनिश्चित करें कि आपके कंधे और सिर फर्श को छू रहे हों.
- कुछ सेकंड के लिए आप इस मुद्रा में रहें.
- जब आप निचली रीढ़ पर प्रेशर महसूस करते हैं तब आप इसे सही कर रहे होते हैं.
- इस आसन को कम से कम 4-5 बार दोहराएं.
ब्रिज पोज योग का फायदा
ब्रिज पोज या सेतुबंधासन के नियमित अभ्यास से सिरदर्द की समस्या से राहत पाई जा सकती है. खास बात ये है कि यह तनाव और चिंता को भी दूर करने के साथ मानसिक शांति को बढ़ावा देने में सहायक है. इसके साथ ही ये छाती, गर्दन, और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है.
रखें ये सावधानियां
- अगर आपकी पीठ में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें
- अगर आपकी गर्दन में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.