रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराधी मैक्सिकन कानून का फायदा उठाते हैं। वहां के कानून के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म को 2,830 डॉलर (लगभग 216,200 रुपये) से अधिक के लेनदेन के बारे में अधिकारियों को जानकारी देनी होती है, जबकि इससे कम के लेनदेन पर कोई इन्फर्मेशन नहीं दी जाती।
इसी वजह से क्रिमिनल्स अवैध कैश को छोटी मात्रा में बांट देते हैं और उन्हें विभिन्न बैंक अकाउंट्स में जमा करते हैं। फिर वो अपने सहयोगियों को पेमेंट करने के लिए इन अकाउंट्स के जरिए छोटी मात्रा में बार-बार बिटकॉइन खरीदते हैं।
रिपोर्ट में अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के हवाले से कहा गया है कि मैक्सिको और कोलंबिया के ये ऑर्गनाइज्ड क्रिमिनल ग्रुप्स वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ा रहे हैं।
बोर्ड के प्रतिनिधि राउल मार्टिन डेल कैंपो ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि INCB एक रेड अलर्ट जारी कर रहा है, ताकि ये देश क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट सिस्टम को बेहतर तरीके से रेगुलेट करने पर विचार कर सकें। उन्होंने कहा कि दोनों देश ट्रांजैक्शन पर ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए अपने कानूनों में और सुधार कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर के देश अपने स्तर पर कानून बना रहे हैं। दुबई में क्रिप्टो सेगमेंट अब एक नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत आएगा। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मखतूम ने वर्चुअल एसेट्स के लिए एक नए कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी के लिए वर्चुअल एसेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (VARA) भी बनाई गई है।
यह वर्चुअल एसेट्स के प्रकार की कैटेगरी और इनकी निगरानी के लिए नियंत्रण तय करेगी। VARA के पास नए कानून का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने और सजा देने के साथ ही बिजनेस पर रोक लगाने का भी अधिकार है।