Symptoms of Diabetes: डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को सबसे जरूरी होता है अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना, क्योंकि हाई ब्लड शुगर लेवल मधुमेह रोगियों (Diabetes Patient) के लिए खतरनाक साबित होता है. डायबिटीज एक क्रोनिक कंडीशन है. इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या प्रभावकारी नहीं होता है. ऐसी स्थिति में शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है, जिससे कई अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. डायबिटीज (Diabetes problem) आज एक जीवनशैली से संबंधित समस्या बन गई है. डायबिटीज के मरीजों की संख्या देश में लगातार बढ़ती ही जा रही है. यदि आपने बढ़ते शुगर लेवल को मैनेज नहीं किया तो आपको कई समस्या हो सकती हैं जैसे नर्व डैमेज, हार्ट डिजीज, किडनी डैमेज, आंखों की समस्या आदि. रक्त में अत्यधिक शुगर लेवल होना बहुत खतरनाक हो सकता है. हालांकि, हाई ब्लड शुगर लेवल होने के कई लक्षण (Symptoms of High Blood Sugar level) नजर आते हैं, जिसमें पॉलीडिप्सिया (Polydipsia) भी एक है. इस लक्षण को समय पर पहचान लेंगे तो शुगर लेवल को मैंनेज करने में आसानी होगी.
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हाई शुगर लेवल का लक्षण है पॉलीडिप्सिया
एक्सप्रेस डॉट को डॉट यूके में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पॉलीडिप्सिया भी शुगर लेवल हाई होने की तरफ इशार करता है. पॉलीडिप्सिया यानी बहुत अधिक प्यास लगना. यह डायबिटीज के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक होता है. वैसे तो प्यास हर किसी को कभी भी पूरे दिन लगती है, लेकिन पॉलीडिप्सिया एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें आपको हर समय पानी पीने की इच्छा महसूस हो या आपकी प्यास सामान्य से अधिक तेज होती है. इसमें एक गिलास पानी पीने के बाद भी अत्यधिक प्यास महसूस होता है. यह संकेत और लक्षण मुंह के अस्थायी या लंबे समय तक सूखने के कारण भी हो सकता है.
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अधिक प्यास लगने के कारण
बहुत अधिक नमकीन चीजों के सेवन, पसीना अधिक आने के अलावा भी कई ऐसी चीजें होती हैं, जो प्यास बार-बार लगने का कारण बनती हैं. शरीर में शुगर लेवल बहुत अधिक होने के कारण भी प्यास अधिक लगती है. अधिक प्यास लगने की समस्या डायबिटीज रोगियों में बहुत कॉमन होता है, ऐसे में इसका निदान जरूरी है. यदि आपको डायबिटीज पहले से ही है, तो भी आपको प्यास अधिक लग सकती है. यदि आप पॉलीडिप्सिया से परेशान हैं, तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए. साथ ही शुगर लेवल, डायबिटीज का टेस्ट करा लेना चाहिए.
डायबिटीज के अन्य लक्षण
- रात के समय बार-बार पेशाब लगना
- बहुत ज्यादा थकान महसूस करना
- वजन कम होना, मसल मास में कमी
- लिंग या योनि के आसपास खुजली
- जख्म, चोट या घाव का धीरे-धीरे ठीक होना
- धुंधली दृष्टि
डायबिटीज मैनेज करने के उपाय
दो प्रकार की डायबिटीज होती है, टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज. टाइप-1 डायबिटीज जल्दी विकसित होती है, जबकि टाइप-2 डायबिटीज होने का पता कई साल तक नहीं चलता, क्योंकि इसके लक्षण भी काफी सामान्य होते हैं. टेस्ट कराने में यदि आपको डायबिटीज होने का पता चलता है, तो सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल आदतों में बदलाव लाएं. हेल्दी डाइट लें. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. शारीरिक रूप से एक्टिव रहने की कोशिश करें. टहलें, खूब पैदल चलें.
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