चुनें
प्लांट
बेस्ड
फूड
ऑप्शन
यह
एक
आसान
तरीका
है,
जिसकी
मदद
से
ब्लड
शुगर
को
रेग्युलेट
किया
जा
सकता
है।
कोशिश
करें
कि
आप
अपनी
डाइट
में
अधिक
से
अधिक
प्लांट
बेस्ड
फूड
को
शामिल
करें।
मसलन,
आप
अपने
कप
हॉट
चॉकलेट
को
ग्रीन
टी
से
बदल
सकते
हैं
या
फिर
इवनिंग
क्रेविंग्स
को
शांत
करने
के
लिए
गर्म
वेज
सूप
पिया
जा
सकता
है।
एक
शोध
से
पता
चलता
है
कि
जो
लोग
प्लांट
बेस्ड
फूड
आइटम्स
को
खाते
हैं,
वे
मधुमेह
के
खतरे
को
कम
कर
सकते
हैं।
करें
पोर्शन
कण्ट्रोल
खाने
के
साथ-साथ
आप
कितनी
मात्रा
में
अपने
फूड
को
खा
रही
हैं,
इस
पर
ध्यान
दिया
जाना
भी
आवश्यक
है।
दरअसल,
आपके
शरीर
को
ऊर्जा
प्रदान
करने
में
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स
जैसे
कार्बोहाइड्रेट,
प्रोटीन
और
वसा
आदि
महत्वपूर्ण
हैं।
कार्बोहाइड्रेट,
विशेष
रूप
से,
ब्लड
शुगर
पर
सबसे
अधिक
प्रभाव
डालते
हैं
क्योंकि
वे
ग्लूकोज
में
टूट
जाते
हैं
और
रक्तप्रवाह
में
अब्जॉर्ब
हो
जाते
हैं।
लेकिन
आपको
यह
भी
सुनिश्चित
करने
की
आवश्यकता
है
कि
वे
इस
मैक्रोन्यूट्रिएंट
की
सही
मात्रा
में
उपभोग
करें।
रहें
फिजिकली
एक्टिव
विंटर
में
लोग
अधिकतर
फिजिकल
एक्टिविटी
करने
से
कतराते
हैं।
लेकिन,
किसी
भी
प्रकार
की
फिजिकल
एक्टिविटी
आपके
शरीर
के
इंसुलिन
लेवल
को
मैनेज
करने
में
मदद
कर
सकती
है।
महज
15
मिनट
का
व्यायाम
भी
आपके
ग्लूकोज
स्तर
को
प्रभावित
कर
सकता
है
और
आपके
मूड
को
भी
सुधार
सकता
है।
इसलिए,
ब्लड
शुगर
लेवल
को
मैनेज
करने
के
लिए
एक
छोटी
सैर
या
योगाभ्यास
को
अपनी
दिनचर्या
का
हिस्सा
बनाएं।
तनाव
को
करें
मैनेज
आपको
शायद
पता
ना
हो
लेकिन
तनाव
भी
आपके
ब्लड
शुगर
लेवल
को
प्रभावित
कर
सकता
है।
हालांकि,
यहां
आपको
यह
भी
जानना
चाहिए
कि
अकेले
तनाव
से
मधुमेह
नहीं
होता
है।
लेकिन
इंटरनेशनल
सोसाइटी
ऑफ
साइकोन्यूरोएंडोक्रिनोलॉजी
द्वारा
प्रकाशित
अध्ययन
के
अनुसार
अधिक
तनाव
और
टाइप
-2
मधुमेह
के
बीच
एक
संबंध
है।
दरअसल,
बढ़े
हुए
तनाव
से
कोर्टिसोल
का
उच्च
उत्पादन
होता
है
जो
शरीर
को
अधिक
ग्लूकोज
का
उत्पादन
करने
के
लिए
प्रेरित
करता
है,
और
इस
तरह
यह
रक्त
शर्करा
के
स्तर
को
और
प्रभावित
कर
सकता
है।
इसलिए
तनाव
को
मैनेज
करने
के
लिए
हल्का
व्यायाम,
योग
व
ध्यान
आदि
का
रास्ता
अपनाएं।
चेक
करते
रहें
ब्लड
शुगर
लेवल
चूंकि,
ठंड
के
मौसम
में
ब्लड
शुगर
लेवल
बढ़
जाना
बेहद
ही
सामान्य
है।
दरअसल,
सर्दियों
के
दौरान
भूख
लगना
आम
बात
है
क्योंकि
शरीर
हमें
गर्म
रखने
के
लिए
अधिक
ऊर्जा
का
उपयोग
करता
है।
इसलिए
अपने
खान-पान
के
साथ-साथ
शर्करा
के
स्तर
की
भी
नियमित
रूप
से
जांच
की
जानी
बेहद
आवश्यक
है।
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