DoT के सर्कुलर में कहा गया है, “लाइसेंस लेने वाला सभी कमर्शिअल रिकॉर्ड/ कॉल डिटेल रिकॉर्ड/ एक्सचेंज डिटेल रिकॉर्ड/ आईपी डिटेल रिकॉर्ड के साथ नेटवर्क पर हुए कम्यूनिकेशन का रिकॉर्ड भी मेंटेन करेगा। ये रिकॉर्ड लाइसेंसर के पास कम से कम दो साल तक सिक्योरिटी कारणों से जांच के लिए आर्काइव करके रखे जाएंगे।”
सर्कुलर के अनुसार, दो साल के बाद अगर DoT की तरफ से कोई निर्देश नहीं मिलता है तो टेलीकॉम कंपनी स्टोर किए गए डेटा को डिलीट कर सकती है या नष्ट कर सकती है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि यह संशोधन आमजन की भलाई या राज्य की सुरक्षा या टेलीग्राफ के अच्छी तरह से काम करने के लिए जरूरी है।
यह एमेंडमेंट टेलीकॉम कंपनियों को इस बात के लिए भी निर्देश देता है वे सब्सक्राइबर्स के इंटरनेट डेटा का रिकॉर्ड भी मेंटेन करें जिसमें यूजर की लॉगइन और लॉगआउट जानकारी भी शामिल है। साथ ही ई-मेल, इंटरनेट, टेलीफोनिक सर्विस जैसे मोबाइल एप्लीकेशन से की जाने वाली कॉल्स या वाई-फाई से की जाने वाली कॉल्स को भी कम से कम दो साल तक के लिए आर्काइव करके रखा जाए। इससे पहले यह रिकॉर्ड टेलीकॉम कंपनियों के पास 1 साल के लिए मेंटेन रखा जाता था।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।