टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि TRAI ने कहा है कि वह मार्च तक 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए अपने सुझाव जमा कर देगा। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) भी जल्द नीलामी कराने के लिए अन्य प्रक्रियाओं को तैयार कर रहा है। टेलीकॉम सेक्रेटरी के राजारमन ने बताया, “TRAI ने संकेत दिया है कि वह मार्च तक सुझाव भेज देगा। इसके बाद इस बारे में फैसला करने में एक महीना लगेगा।” इससे पहले सरकार ने TRAI की ओर से स्पेक्ट्रम की नीलामी पर सुझाव मिलने के बाद 60-120 दिनों में बिडिंग शुरू की थी।
राजारमन ने कहा कि DoT को TRAI से सुझाव मिलने के बाद नीलामी शुरू करने में दो महीने लगेंगे। DoT के अनुसार, 5G से डाउनलोड स्पीड 10 गुना तक बढ़ सकती है। DoT की ओर से स्पेक्ट्रम के प्राइस, इसे एलोकेट करने के तरीके, स्पेक्ट्रम के ब्लॉक साइज, पेमेंट के नियम और शर्तों पर TRAI से सुझाव मांगे जाते हैं। TRAI इस बारे में इंडस्ट्री और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार विमर्श करने के बाद DoT को सुझाव जमा करता है। इन सुझावों पर DoT की फैसला करने वाली सर्वोच्च संस्था डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन की ओर से फैसला किया जाता है। इसके बाद अंतिम स्वीकृति के लिए इसे कैबिनेट के पास भेजा जाता है।
DoT ने 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी कराने के लिए MSTC को चुना है। 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में शामिल होने वालों को TRAI ने अतिरिक्त टिप्पणियां जमा करने के लिए 15 फरवरी तक की अवधि दी है। इसके बाद TRAI इसकी समीक्षा कर सुझाव देगा। अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में 5G से जुड़ी टेलीकॉम सर्विसेज पहले ही शुरू हो चुकी हैं। भारत में इस स्पेक्ट्रम की नीलामी में कुछ मुश्किलों के कारण देर हुई है। टेलीकॉम कंपनियों को 5G स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए काफी खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा इससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी इन कंपनियों को निवेश करना होगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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