नई दिल्ली: खगोल विज्ञान के इतिहास में पहली बार धरती से किसी खगोलशास्त्री ने तारे का मरना रीयल टाइम में देखा है. इससे पहले ऐसी कोई भी घटना रीयल टाइम में कभी नहीं देखी गई.
सूर्य से 10 गुना था इस तारे का आकार
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, एक रेड सुपरजायंट तारे की मौत पहली बार वास्तविक समय में देखने की सुविधा जमीन की टेलिस्कोप से संभव हुई. यह तारा पृथ्वी से लगभग 120 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर NGC 5731 आकाशगंगा में स्थित है. इस तारे के फटने से पहले इसका आकार सूर्य से 10 गुना था.
मरने से पहले भारी मात्रा में छोड़ी गैस
तारे के मरने से पहले कुछ लोग इस घटना के गवाह बने. उन्होंने देखा कि तारे नष्ट होने से पहले भारी मात्रा में गैस छोड़ते हैं.
अंतरिक्ष में सबसे नाटकीय घटना है तारों का मरना
तारे की मौत पर निष्कर्षों के बारे में जानकारी देने वाला ये अध्ययन गुरुवार को ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल’ में पब्लिश हुआ. किसी तारे की मौत जैसी घटनाओं को अंतरिक्ष में सबसे नाटकीय और अलग तरह घटनाओं में लिस्ट किया जा सकता है.
अंतरिक्ष के इतिहास में बड़ी सफलता
एक बयान में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में नेशनल साइंस फाउंडेशन ग्रेजुएट रिसर्च फेलो के प्रमुख रिसर्च राइटर व्यान जैकबसन-गैलन ने कहा, “यह हमारी समझ में एक सफलता है कि बड़े पैमाने पर तारे मरने से पहले क्या करते हैं.”
रिसर्च राइटर ने कहा कि लाल सुपरजायंट स्टार में प्री-सुपरनोवा गतिविधि का प्रत्यक्ष पता लगाना पहले कभी सामान्य प्रकार की सुपरनोवा में नहीं देखा गया है. पहली बार, हमने एक लाल सुपरजायंट स्टार के विस्फोट को देखा है.
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