एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पियर्स टाउनशिप फायर डिपार्टमेंट के कैप्टन माइक मास्टर्सन ने कहा कि आग को बुझा लिया गया है। इसकी जांच की जा रही है कि आग किन वजहों से लगी। उन्होंने कहा कि टेस्ला की बैटरी तकनीक ने आग बुझाने के उनके प्रयासों को जटिल बना दिया। वह काफी हीट पैदा कर रही थीं।यूएस नैशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड ने भी टेस्ला गाडि़यों में आग की एक सीरीज की जांच की है। बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि हाई-वोल्टेज लिथियम-आयन बैटरी दुर्घटना के बाद सेफ्टी से जुड़े खतरे पैदा करती हैं।
दुर्घटना के बाद आग का खतरा बढ़ाने वाले गैसोलीन का इस्तेमाल टेस्ला गाडि़यों में नहीं किया जाता है। टेस्ला के रिप्रजेंटेटिव्स ने कहा है कि तेज रफ्तार से टकराने से किसी भी तरह की कार में आग लग सकती है। अधिकारियों ने इस हादसे में मारी गईं ड्राइवर के नाम का खुलासा नहीं किया है।
ऐसा पहली बार नहीं है, जब टेस्ला की कार इस तरह के हादसे का शिकार हुई है। इसी साल अप्रैल महीने में अमेरिका में टेस्ला की एक ड्राइवर लैस कार के साथ हादसा हुआ था। पेड़ से टकराने के बाद कार में आग लग गई थी और जलने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई थी। कार में ड्राइवर सीट पर कोई भी सवार नहीं था। एक यात्री ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठा था, जबकि दूसरा पीछे की तरफ सवार था। यह हादसा तब हुआ था, जब कार मोड़ पर थी और एकाएक पेड़ से टकरा गई। इससे पहले की कार सवार सुरक्षित बाहर निकल पाते, कार में आग लग गई और दोनों की झुलसने की वजह से मौत हो गई।
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