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नई दिल्ली, 20 अप्रैल। ग्रीष्म के बाद वर्षा ऋतु का प्रकृति के साथ समस्त प्राणियों को भी इंतजार रहता है। वर्षा ऋतु में प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़ती है और पृथ्वी पर खाद्यान्न उत्पन्न होता है। इसलिए वर्षा जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ज्योतिष में उत्तम वर्षा होने के अनेक योग बनते हैं। ग्रह-नक्षत्रों के संयुक्त होने के कारण वर्षा के मेघ उत्पन्न होते हैं।
आइए जानते हैं कैसे बनते हैं वर्षा योग। नारद पुराण में ज्योतिष के विभिन्न तत्वों का विस्तार से वर्ण मिलता है, जिनमें वर्षा के संबंध में भी बताया गया है।