डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान हमेशा विश्वभर में घिरता रहा है। पाकिस्तान पर आरोप लगते रहे हैं कि वह आतंकवाद को पनाह देता है। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का चेहरा कई बार बेनकाब हुआ है। हालांकि पाक इस बात से हमेशा इनकार करता आया है। अब पाक घर में ही घिरता नजर आ रहा है, बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी शुक्रवार को इस सच को कबूल लिया कि पाकिस्तान आतंकवाद का पनाहगार है।
नवाज शरीफ ने कहा कि पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की गलत नीतियों के कारण पाकिस्तान फिर से सिर उठा रहा है। गौरतलब है कि बीते दिनों लाहौर के अनारकली इलाके में एक विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना के बाद विपक्ष इमरान सरकार पर जमकर हमला बोल रहा है।
नवाज शरीफ ने इमरान पर बोला हमला
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ साल 2019 से लंदन में रह रहे हैं। पीएमएल-एन नेता नवाज शरीफ ने ट्वीट कर लिखा था कि मैं लाहौर विस्फोट की निंदा करता हूं और घायलों के ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनकी गलत नीतियों के कारण आतंकवाद ने फिर से देश में अपना सिर उठा लिया है। नवाज शरीफ के ट्वीट के बाद आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान सरकार अपने ही घर में घिरती हुई नजर आ रही है।
— Nawaz Sharif (@NawazSharifMNS) January 20, 2022
मरियम नवाज ने इमरान सरकार को घेरा
बीते गुरूवार को पाक पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी व पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने इमरान खान सरकार पर निशाना साधते हुए विस्फोट की कड़ी निंदा की थी। मरियम ने ट्वीट कर लिखा था कि आज लाहौर में हुए एक बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।
अंदाजा लगाइए कि इमरान खान अपने प्रचार प्रकोष्ठ की बैठक में किस बारे में बात कर रहे हैं? शरीफ़! आगे क्या है? त्रासदी के लिए पीड़ितों को दोषी ठहरा रहे होंगे। इमरान आतंकवादियों के मुद्दे पर अपने ही देश में घिरते नजर आ रहे हैं। तमाम विपक्षी पार्टियां उनको सबसे विफल सरकार बता रही हैं।
— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) January 20, 2022
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को पाकिस्तानी तालिबानी कहा जाता है। टीटीपी द्वारा हमलों में निरंतर वृद्धि इमरान खान सरकार की नीति की एक बड़ी विफलता मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में चरमपंथ को प्रोत्साहित किया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर अफगान तालिबान और टीटीपी के बीच संबंध का आकलन करने से इनकार किया है। पाकिस्तान की ये सोची समझी साजिश है।