Joint Pain In Youngsters: जोड़ों के दर्द (Joint Pain) को अब तक बुढ़ापे की समस्या माना जाता रहा है. लेकिन पिछले करीब 10 साल में यह समस्या युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है. 30 से 35 साल के लोग तो बड़ी संख्या में इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि यह समस्या बच्चों और टीनेजर्स में भी देखने को मिल रही है. इसकी बड़ी वजह तो खराब लाइफस्टाइल है ही. वहीं बड़े जहां दिनभर बैठकर लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम करते रहते हैं, वहीं बच्चे इंडोर गेम्स खेलकर और फास्ट फूड खाकर बड़े हो रहे हैं. इससे इनकी मसल्स बचपन में ही कमजोर हो रही हैं. इस कारण ये जल्द ही अर्थराइटिस की चपेट में आ जाते हैं. बच्चों में होने वाली अर्थराइटिस को जुवेनाइल अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है.
- बुजुर्ग, युवाओं या बच्चों सभी में अर्थराइटिस के लिए आमतौर पर ये कारण जिम्मेदार होते हैं
- मांसपेशियों का कमजोर होना
- शरीर में कैल्शियम की कमी होना
- चोट लगने के कारण दर्द होना
- बहुत अधिक मोटापा
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
- अनुवांशिक कारणों से
शरीर में कैसे होता है अर्थराइटिस?
मसल्स के कमजोर होने पर या शरीर में कैल्शियम की कमी होने और हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने पर सूजन हो जाती है. इससे जोड़ों के टिश्यू नष्ट होने लगते हैं, जिससे जोड़ों में अकड़न और दर्द होता है. इस दर्द को ही अर्थराइटिस का दर्द कहते हैं.
अर्थराइटिस को कैसे पहचानें?
- इस बीमारी में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है.
- सर्दी के मौसम में यह दर्द बढ़ जाता है. कभी-कभी इतना दर्द होता है कि मूवमेंट्स में भी दिक्कत आती है.
- सीढ़ियां-चढ़ने या उतरने में जॉइंट्स पेन बढ़ जाता है और दिक्कत होती है.सुबह-शाम अधिक समस्या होती है. थकान और शरीर में टूटन का अहसास बना रहता है.
अर्थराइटिस के दर्द से कैसे बचें?
यह दर्द जिन कारणों से होता है, उनका इलाज जरूरी है जो कि सिर्फ डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही करना सही होता है. बाकी इसके दर्द से बचने के कुछ घरेलू उपाय हम आपको बता रहे हैं ताकि सर्दी में आप इस परेशान करने वाले दर्द से बचे रहें.
- शरीर को गर्म रखें, इसके लिए सही तरीके से गर्म कपड़े पहनें
- बहुत ठंडे पानी में हाथ ना डालें और ठंडे पानी में काम करने से बचें. बहुत ठंडा पानी आपका दर्द बढ़ा सकता है.
- जब ठंडी हवा चल रही हो तो घर से बाहर ना निकलें. सर्द हवा में देर तक रहना दर्द की वजह बन सकता है.
- पीने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें, इससे शरीर में ऐठन की समस्या नहीं होगी.
- दिन में धूप में बैठें और शरीर पर तेल की मालिश करें.
- योग और मेडिटेशन करें. इससे शारीरिक और मानसिक मजबूती मिलती है.
- खाने में ऐसी चीजों का सेवन करें, जो कैल्शियम, विटमिन-बी12 और विटमिन-डी से भरपूर हों.
- अपने डॉक्टर का मार्गदर्शन लेते रहें और उनकी बताई गई बातों को फॉलो करें. आपको लाभ होगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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