पहले ऐसी खबरें थीं कि नवंबर 2021 में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी केंद्र सरकार की ओर से किए जाने की योजना है। फिर पता चला था कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी साल 2022 की पहली तिमाही में होने की उम्मीद है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि नीलामी को और आगे के लिए टाल दिया गया है। ईटी टेलिकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से मार्च 2022 के बीच भी स्पेक्ट्रम नीलामी की उम्मीद नहीं है और इसकी प्रमुख वजह 6 महीने का 5G ट्रायल का विस्तार है, जो दूरसंचार विभाग (DoT) ने देश के कई टेलिकॉम ऑपरेटरों को दिया है।
इसमें भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया शामिल हैं। शुरुआत में इन टेलिकॉम ऑपरेटर्स को सरकार द्वारा आवंटित 3500 मेगाहर्ट्ज बैंड में ट्रायल की अनुमति दी गई थी। ये परीक्षण इस महीने के अंत में यानी 26 नवंबर को समाप्त होने वाले थे, तभी दूरसंचार विभाग ने 5G ट्रायल को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी अब अगले साल मई के आसपास हो सकती है।
इस मामले से जुड़े करीबी सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट दी गई है। सूत्रों ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की उपलब्धता पर अभी बहुत काम किए जाने की जरूरत है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने भी अभी तक कई बैंड्स पर सिफारिश नहीं दी है। इसमें 700 मेगाहर्ट्ज, 3.3 से 3.6GHz और मिलीमीटर वेव शामिल हैं।
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