नई दिल्ली. दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल कारों पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने की कोशिशें जारी हैं. इसकी मुख्य वजह ईंधन की बढ़ती कीमत और दुनिया में बढ़ता प्रदूषण दोनों है. कई देशों में सरकारें ग्राहकों को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में मदद कर रही हैं.
आज हम जानते हैं कि दुनिया की किस देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर सबसे ज्यादा सब्सिडी या छूट मिलती है. भारत अभी इस मामले में कहां खड़ा दिखाई देता है. पहले बात करते हैं सबसे ज्यादा सब्सिडी देने वाले देश की.
नॉर्वे (Norway)
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम यूरोपीय देश नार्वे का है. ये देश जीरो एमिशन व्हीकल को बढ़ावा देने में सबसे आगे है. आज, नॉर्वे में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं. नॉर्वेजियन सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर परचेज और इंपोर्ट टैक्स नहीं लेती, 25 प्रतिशत वैट से छूट, यहां रोड टैक्स नहीं लगता, टोल नहीं लगता, मुफ्त पार्किंग और पेट्रोल-डीजल कार को स्क्रैपिंग कराने पर भी आर्थिक मदद मिलती है.
यूरोपीय यूनियन (European Union)
2021 की शुरुआत में 9 यूरोपीय यूनियन के देशों ने यूरोपीय आयोग से पेट्रोल और डीजल कारों के यूरोपीय संघ-व्यापी चरण-आउट में तेजी लाने का आग्रह किया. वर्तमान में यूरोपीय यूनियन के 17 सदस्य देश ईवी की खरीद के लिए प्रोत्साहन प्रदान करते हैं. रोमानिया द्वारा एक नई इलेक्ट्रिक कार की खरीद के लिए 10,000 यूरो यानी करीब साढ़े 8 लाख रुपए का बोनस दिया जाता है, जबकि फिनलैंड केवल करीब दो लाख रुपए का बोनस मिलता है.
फ्रांस
फ्रांस वर्तमान में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर दो तरह के फायदे मिलते हैं. पहला इकोलॉजिकल बोनस है और दूसरा कन्वर्जन बोनस है. इन दो प्रोत्साहन कार्यक्रमों को मिलाकर, ग्राहक क्षेत्र के आधार पर EV खरीदते समय 19,000 यूरो यानी करीब 16 लाख रुपए तक छूट प्राप्त कर सकते हैं.
जर्मनी
जर्मनी ने ग्राहकों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड व्हीकल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. जर्मन सरकार 40,000 यूरो से कम लागत वाले वाहनों की खरीद के लिए 6,000 यूरो देती है. जो भारतीय रुपयों के हिसाब से करीब 5 लाख रुपए होते हैं.
यूनाइटेड किंगडम
यूनाइटेड किंगडम इस मामले में यूरोपीय यूनियन से थोड़ा पीछे है. यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर कार की लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम 3,000 पाउंड यानी करीब तीन लाख रुपए) और इलेक्ट्रिक बाइक की लागत का 20 प्रतिशत (अधिकतम करीब एक लाख रुपए ) की छूट मिलती
अमेरिका
अमेरिका में इलेक्ट्रिक कार खरीदार 7,000 डॉलर यानी करीब सवा 5 लाख रुपए की छूट मिलती है. इस योजना की एक ऊपरी सीमा है और जैसे ही एक निर्माता की कुल ईवी की बिक्री 200,000 यूनिट तक पहुंच जाती है, विशेष निर्माता द्वारा पेश किए गए मॉडल के लिए सब्सिडी समाप्त हो जाएगी.
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भारत में मिलने वाली सब्सिडी
भारत सरकार ने 2019 में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME) की शुरुआत की. इसके तहत शुरू में प्रति kWh पर 10000 रुपये की सब्सिडी दी जाती थी. बाद में जून 2021 में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यह सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया. इसे FAME-II नाम दिया गया. इसी तरह भारत की राज्य सरकारें भी अलग-अलग इंसेंटिव देते हैं.
इस तरह मिलता है फायदा
- टू-व्हीलर्स लिए: 15,000 रुपये प्रति kWh बैटरी क्षमता (गाड़ी की कीमत का अधिकतम 40 प्रतिशत तक)
- फोर व्हीलर के लिए: 10,000 रुपये प्रति kWh बैटरी क्षमता (अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक)
चीन
चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग प्रतिबंधों के अधीन नहीं किया जाता है. 2020 में चीन ने 400 किमी से अधिक की रेंज वाली इलेक्ट्रिक कारों के लिए खरीद प्रोत्साहन की शुरुआत की. 250 किमी और 400 किमी से कम की इलेक्ट्रिक रेंज को भी प्रमुख प्रोत्साहन मिले. हालांकि, रॉयटर्स के मुताबिक, इन सब्सिडी में 2021 में 20 फीसदी की कटौती की गई थी और 2022 में इसमें और 30 फीसदी की कटौती की जाएगी.
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