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वैदिक ज्योतिष में शनि एक ऐसा ग्रह है जिसे एक अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. शनि का प्रभाव व्यक्ति को परेशानी ओर भय देने जैसा माना गया है. अष्टम शनि हो, कंटक शनि हो, या शनि साढ़ेसाती हो, सभी के मन में बहुत सारे भय व शंकाओं को दर्शाता है. शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।. आप सोच रहे होंगे कि आपके लिए इसका क्या अर्थ है तो इसके लिए ये समझने की आवश्यकता होगी की शनि आपकी राशि के लिए कैसा होगा यह गोचर आपके जीवन को कैसे प्रभावित करने वाला है. हिंदू पौराणिक कथाओं में शनि को न्याय का देवता बताया गया है. वह वह है जिसे हमें हमारे कार्यों का फल देने का काम सौंपा गया है, चाहे वे अच्छे हों या बुरे. इसी भूमिका के लिए उन्हें कर्मफल-दात की उपाधि दी जाती है. शनि तटस्थ ग्रह है क्योंकि इसकी भूमिका केवल कार्यों का परिणाम देने की है. निष्पक्ष, अटूट होते हैं तथा इन्हें आसानि से प्रसन्न नहीं किया जा सकता है. शनि देव के लिए न्याय सब से ऊपर है आईये जानें किन उपायों से शनि देव का मिलेगा शुभ फल और दूर होगी समस्याएं.