सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पूर्व
गणपति पूजा का विधान है, मान्यता है कि बिना भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी कार्य पूरा नहीं होता, वहीं गणेश जी सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माने गए है। ऐसे किसी भी शुभ कार्य या पूजा-अनुष्ठान से पहले श्रीगणेश का आवाहन किया जाता है। धार्मिक दृष्टि के साथ ही वास्तु शास्त्र में भी गणपति पूजा का विशेष महत्व है।
वास्तु की माने तो घर के कई सारे दोष सिर्फ भगवान गणेश की पूजा करने से ही समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में हिंदू धर्म को मानने वाले हर घर में गणपति की प्रतिमा देखने को मिल जाती है। वैसे तो भगवान गणेश की छवि या प्रतिमा हर रूप में शुभ फलदायी मानी जाती है, पर वहीं उनकी प्रतिमा की स्थापना और दर्शन के लिए शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं
लोग अपने घरों पूजा स्थान के अलावा द्वार पर भी गणेश जी की प्रतिमा लगाते हैं। इसी के साथ लोग उपहार स्वरूप भी एक-दूसरे को गणेश जी की प्रतिमा देते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यदि गणेश जी की प्रतिमा से संबंधित कुछ बातों को ध्यान में न रखा जाए तो घर में सुख समृद्धि की बजाय दरिद्रता का आगमन हो सकता है।
आसानी से देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में, यहाँ क्लिक करें