दीपावली के लिए वास्तु के ये 10 टिप्स:
1. रंग रोगन : दिवाली की पुताई के दौरान किस दिशा में कौनसा रंग करें यह जानना जरूरी है। उत्तर- हरा, पिस्ता या आसमानी, ईशान- पीला आसमानी या सपेद , पूर्व- सफेद या हल्का नीला, आग्नेय- नारंगी, पीला, सफेद या सिल्वर, दक्षिण- नारंगी, गुलाबी या लाल, नैऋत्य- भूरा या हरा, पश्चिम- नीला या हल्का नीला, वायव्य- हल्का स्लेटी, क्रीम या सफेद| वंदनवार आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इसे अकसर दीपावली के दिन द्वार पर बांधा जाता है। वंदनवार इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी-भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं। इसे इस बार वास्तु अनुसार ही सजाएं। नकली फूलों से या नकली वस्तुओं से ना सजाएं। वंदनवार सजाने के बाद दरवाजे के आसपास शुभ लाभ लिखें और स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। द्वार के उपर गणेशजी का चित्र या मूर्ति लगएं।