budh Gochar remedies
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बुध का लग्न से द्वादश भाव फल
बुध का गोचर प्रत्येक भाव अनुसार अपने फलों को दर्शाता है. प्रत्येक भाव में बुध की स्थिति उस भाव के कारक तत्वों के साथ मिलकर अपने फलों को देने में सहायक होती है. जन्म चंद्रमा से दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में हो तो बुध अपने सकारात्मक फलों को प्रदान करने वाला होता है. तृतीय, पंचम, सप्तम, नवम, द्वादश भाव में यह कुछ नकारात्मक प्रभाव ला सकता है. यहां इस बात का विस्तृत विवरण दिया गया है कि बुध का गोचर आपके जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है, जिसके आधार हम इससे संबंधित उपायों से इसके अशुभ फलों से मुक्ति प्राप्त करके शुभता को पाया जा सकता है.
बुध के सरल लेकिन अचूक उपाय
बुध ग्रह का स्वामित्व मिथुन और कन्या राशि को प्राप्त है. कन्या राशि में ही बुध उच्च स्थिति को प्राप्त करता है़ बुध की ये स्थिति जातक को रचनात्मक, हंसमुख मिलनसार बौद्धिक बनाती है. इसके प्रभाव से व्यक्ति का चातुर्य अदभुद होता है और उसकी सोच में जो दूरदर्शिता होती है वह देखते ही बनती हैं. मीन राशि में बुध कमजोर स्थिति को पाता है और इस के शुभ गुण कम होते हैं. इस तरह से बुध की पाप प्रभाव में स्थिति होने से भी शुभता अवश्य प्रभावित होती है. बुध के शुभ फलों को पाने के लिए यदि कुछ साधारण उपाय किए जाएं तो यह बुध से जुड़े शुभ फलों को दर्शाने वाला होता है.
बुध को हरे रंग से संबंधित माना गया है अत: हरे रंग का उपयोग इसकी शुभता के लिए उपयोगी होता है. इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बुध के शुभ फलों को प्राप्त करने हेतु अत्यंत ही उत्तम उपाय मान अगया है.
– गाय को हरा चारा खिलाना बुधवार के दिन उत्तम फल प्रदान करता है.
– छोटी इलायची का सेवन करना भी बुध के शुभ फलों को प्रदान करने में सहायक बनता है.
– हरे पेड़-पौधे लगाना तथा नियमित रुप से देखभाल करना बुध की शुभता में वृद्धि देने में सहायक बनता है.