छठ पूजा बिहार का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। इसे बिहार का लोकपर्व कहा जाता है। झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी छठ पूजा होती है। बिहार के लोग भारत में जहां जहां जाकर बस जाते हैं, वहां के इलाकों में छठ पूजा देखने को मिलती है।छठ का ये पावन त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।इस साल दीवाली 4 नवंबर को है और छठ पूजा 10 नवंबर, 2021 को मनाई जाएगी। छठ का व्रत बिहार के सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है। छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्य देवता के लिए किया जाता है। इस दौरान उगते हुए सूर्य और डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग छठी मइया का विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं,उनको जल्द ही संतान सुख मिलता है। इसके साथ ही उनके घर में सुख समृद्धि भी आती है। छठ का त्योहार हर साल दीवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन को षष्ठी तिथि और सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है।छठ की पूजा में नहाय खाय और खरना का भी विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस साल कब- कब है नहाय खाय, खरना और छठ पूजा।
जानिए क्यों मनाते हैं छठ पूजा व कब है नहाय खाय और खरना
छठ पूजा बिहार का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। इसे बिहार का लोकपर्व कहा जाता है। झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी छठ पूजा होती है। बिहार के लोग भारत में जहां जहां जाकर बस जाते हैं, वहां के इलाकों में छठ पूजा देखने को मिलती है।छठ का ये पावन त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।इस साल दीवाली 4 नवंबर को है और छठ पूजा 10 नवंबर, 2021 को मनाई जाएगी। छठ का व्रत बिहार के सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है। छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्य देवता के लिए किया जाता है। इस दौरान उगते हुए सूर्य और डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग छठी मइया का विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं,उनको जल्द ही संतान सुख मिलता है। इसके साथ ही उनके घर में सुख समृद्धि भी आती है। छठ का त्योहार हर साल दीवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन को षष्ठी तिथि और सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है।छठ की पूजा में नहाय खाय और खरना का भी विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस साल कब- कब है नहाय खाय, खरना और छठ पूजा।