Thursday, November 18, 2021
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जानिए क्या है कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का अंतिम चंद्रग्रहण की तिथि, समय व मंत्र जाप


हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के असुर का संहार किया था।इसीलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।इस दिन देवताओं ने खुशी में  दीप प्रज्वलित किए थे। कार्तिक पूर्णिमा का दूसरा नाम गंगा स्नान भी है। मान्यता के अनुसार इस दिन अगर आप गंगा स्नान करते हैं तो इसका फल आपको साल भर मिलेगा।इस दिन किसी भी व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए। यही वजह है कि इस दिन काशी और गंगा घाटों में काफी भीड़ देखने को मिलती है।इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व शुक्रवार, 19 नवंबर,2021 को है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिख धर्म की स्थापना करने वाले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा को प्रकाशोत्सव पर्व भी कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा की शुरुवात 18 नवम्बर 2021, को दोपहर 12:00 बजे हो जाएगी। इसके बाद 19 नवंबर,2021 को दोपहर 2 बजकर 26 मिनट पर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि खत्म होगी। वहीं चांद निकलने का समय शाम 5 बजकर 28 मिनट और 24 सेकंड पर होगा।कार्तिक पूर्णिमा दीपावली के ठीक 15 दिन बाद मनाई जाती है। इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। कहते हैं कि इस दिन खुद देवता धरती पर आते हैं और दीवाली का पर्व मनाते हैं।कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का भी बहुत महत्व होता  है। कार्तिक पूर्णिमा समस्त देवी देवताओं को खुश करने का ही दिन होता है। यही कारण है कि लोग इस दिन दीपदान करके देवताओं का आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन कुछ काम करके आप लक्ष्मी मां को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं वो कौन से 10 काम हैं जो आपको कार्तिक  पूर्णिमा के दिन करने चहिए।

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1) कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने घर की अच्छे से साफ सफाई करें। इस दिन घर बिल्कुल भी गन्दा नहीं रहना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि अगर इस दिन आपका घर साफ सुथरा रहेगा तो आपके घर में माता लक्ष्मी का आगमन होगा।

2. इस दिन अपने घर के द्वारों को फूलों की माला से सजाना चाहिए। 

3. कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप अपने घर के द्वार के सामने स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।

 

4. इस दिन विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा अवश्य करें।

 

5. इस दिन चावल, दूध और शक्कर का दान करना शुभ माना जाता है। इन चीज़ों को कुछ मात्रा में नदी में भी बहा दें। ऐसा करने से आपको अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होगी। 

6. कार्तिक पूर्णिमा के दिन चांद का दर्शन करना बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही चांद को मिश्री के खीर का भोग भी चढ़ाएं।

 

7. इस रोज नदी में दीपदान करना शुभ माना जाता है। हालांकि अगर आप नदी में दीपदान करने में सामर्थ नहीं हैं तो आप अपने घर के पास के किसी मंदिर में दीपदान कर सकते हैं। 

 

8. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गौ दान से काफी पुण्य मिलता है। इसीलिए इस दिन संभव हो तो कम से कम एक गौ दान जरुर करें। 

9. कार्तिक पूर्णिमा पर घरों में दीप भी जलाएं जाते हैं। मान्यता है कि घर में दीप जलाने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और घर में सुख शांति का प्रवेश होता है। 

 

10. इस दिन अगर संभव हो तो आपको गंगा स्नान जरुर करना चाहिए। इससे आपको विशेष फल प्राप्त होंगे। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत की वृष्टि होती है। इसी अमृत को प्राप्त करने हेतू भक्त लोग गंगा में स्नान करने जाते हैं।इस दिन आपको ब्रह्ममुहूर्त  में ही पवित्र स्नान करना चाहिए। अगर आप गंगा नदी के पास जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही गंगा जल शरीर पर डालकर स्नान कर लें।

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