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इस बार की दिवाली बहुत ही अच्छी होने वाली है क्योंकि ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक तुला राशि में एक साथ 4 ग्रहों विराजमान होने वाले है। इसलिए कार्तिक अमावस्या को दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष कृपा होने वाली है। हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को वैभव के साथ सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करने वाला माना गया है।
पंचांग के अनुसार 4 नवंबर 2021, गुरुवार के दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन दिवाली पर्व के अवसर पर 4 ग्रहों की युति बन रही है जो बहुत ही शुभ परिणाम देने वाली है। दीपावली पर्व के इस अवसर पर इस बार महासंयोग और महामुहूर्त का योग बन रहा है।
दिवाली के दिन रहेगी 4 ग्रहों की युति : ज्योतिष विद्वानों के अनुसार चंद्र, मंगल, सूर्य और बुध तुला में रहेंगे। शनि और गुरु मकर में पहले से ही विराजमान हैं। शुक्र ग्रह धनु में और राहु ग्रह वृषभ में रहेंगे। लग्न तुला का बन रहा है।
4 ग्रह मिलकर करेंगे चमत्कार : माना जा रहा है कि तुला राशि में इन चारों ग्रहों के रहने से शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को लग्जरी लाइफ, सुख-सुविधाओं आदि का कारक माना गया है। वहीं सूर्य को ग्रहों का राजा, मंगल को ग्रहों का सेनापति, बुध को ग्रहों का राजकुमार और चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। अर्थात यह दिवाली देश, सेना, राजनेता और घर-परिवार सभी के लिए शुभ रहने वाली है।
इन 6 राशियों के लिए शुभ समय: ग्रह और नक्षत्रों के मान से 6 राशियों के लिए यह समय बहुत शुभ माना जा रहा है। मेष, सिंह, मिथुन, वृश्चिक, धनु और मकर के लिए यह समय बहुत उत्तम रहेगा।
4 नवंबर 2021 को दीपावली के शुभ मुहूर्त
योग : प्रीति योग प्रात: 11:10 तक उसके बाद आयुष्मान योग पूरे दिन-रात रहेगा।
शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी जी का आशीर्वाद कलियुग में महत्वपूर्ण माना गया है। अमावस्या की तिथि 04 नवंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 05 नवंबर को सुबह 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है। पूजन अवधि 01 घंटे 55 मिनट की है।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
दिवाली पर, लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलती है।
अभिजीत मुहूर्त : प्रात: 11:42 मिनट से लेकर दोपहर 12:26 मिनट तक रहेगा।
विजय मुहूर्त : दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से लेकर 02:17 मिनट तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:04 मिनट से लेकर 05:28 मिनट तक रहेगा।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 05:15 मिनट से लेकर 06:32 मिनट तक रहेगा।
अमृत काल मुहूर्त : रात्रि 09:16 मिनट से लेकर10:42 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष काल मुहूर्त : शाम 6:10 मिनट से लेकर रात 08:06 मिनट तक रहेगा।
महानिशीथ काल मुहूर्त : रात्रि 11:38 मिनट से लेकर 12:30 मिनट तक रहेगा।
दिन का चौघड़िया
शुभ- प्रात: 06:39 मिनट से लेकर 08:00 बजे तक।
लाभ- दोपहर 12:04 मिनट से लेकर 01:25 मिनट तक।
अमृत- दोपहर 01:25 मिनट से लेकर 02:47 मिनट तक।
शुभ- शाम 04:08 मिनट से लेकर 05:29 मिनट तक।
रात का चौघड़िया
अमृत- शाम 05:29 मिनट से लेकर 07:08 मिनट तक।
लाभ- रात्रि 12:04 मिनट से लेकर 01:43 मिनट तक।
शुभ- रात्रि 03:22 मिनट से लेकर 05:01 मिनट तक।
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