वर्तमान में एयरलाइन इंडस्ट्री को डीकार्बोनाइज करना सबसे कठिन काम में माना जाता है। निवेश बैंक जेफरीज (Jefferies) ने पिछले साल कहा था कि रिन्यूएबल एविएशन फ्यूल 2019 में लगभग 330 मिलियन टन की मौजूदा ग्लोबल जेट फ्यूल डिमांड के 0.1 प्रतिशत से भी कम है। सरकारें और निवेशक लोअर-कार्बन एमिटिंग जेट फ्यूल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।
शिकागो में स्थित LanzaJet ने कहा था कि उसने अपनी फ्रीडम पाइन्स बायोरिफाइनरी में लगभग ऑन-साइट इंजीनियरिंग पूरी कर ली है, जिसमें 2023 से इथेनॉल से प्रति वर्ष 10 मिलियन गैलन सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SFA) और रिन्यूएबल डीजल का उत्पादन शुरू करने की योजना है, जिसमें वेस्ट-बेस्ड फीडस्टॉक्स शामिल हैं।
तेल की बड़ी कंपनियां, एयरलाइंस और Suncor Energy, British Airways और Shell सहित अन्य पेट्रोलियम ट्रेडिंग कंपनियां भी कंपनी को फंडिंग दे रही हैं।
अमेरिका ने पिछले साल कहा था कि वह 2030 तक एविएशन एमिशन को 20 प्रतिशत तक कम करना चाहता है, क्योंकि एयरलाइन्स को पर्यावरण से जुड़े ग्रुप से अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
Microsoft ने फ्यूल से कार्बन को हटाने की तकनीक के विकास को स्पीड देने के लिए अगले चार वर्षों में 1 अरब डॉलर (लगभग 7,400 करोड़ रुपये) का निवेश करने के लिए 2020 में क्लाइमेट इनोवेशन फंड बनाया था।