अभिनेत्री दीया मिर्जा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को राजनीतिक वर्ग के लिए चुनावी मुद्दा बनाने की जरूरत है क्योंकि तभी वे पर्यावरणीय संकट को हल करने पर बात करेंगे। पूर्व मिस एशिया पैसिफिक इंटरनेशनल ने यह भी कहा कि लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उनके दैनिक जीवन से अलग नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जिंदगियां पर्यावरण से अलग नहीं हैं और आप तथा मैं प्रकृति से अलग नहीं हैं। हमारे सभी कदम और उपभोग की प्रवृतियां पर्यावरण और हमारे अपने निजी स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, जलवायु संकट अभी तक चुनावी एजेंडा नहीं बना है। इसे चुनावी एजेंडा बनाने की आवश्यकता है। मैं एक 14 वर्षीय युवा से बात कर रही थी जो नयी तकनीक लेकर आ रहा है और मैंने कहा, ‘तुम्हें क्यों लगता है कि नेता जलवायु संकट के बारे में बात नहीं करते? यह क्यों हर किसी के ध्यान का केंद्र नहीं बना है? और उसने कहा कि क्योंकि यह अभी तक चुनावी एजेंडा नहीं बना है। और यह कैसे बन सकता है? यह हमारे बचे रहने का प्रश्न है।’’
संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण सद्भावना दूत मिर्जा (39) ‘टाइम्स नाऊ समिट 2021’ में एक चर्चा में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में एलान किया था कि भारत 2022 तक एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के सामान को खत्म कर देगा लेकिन आज तक जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं है।
अभिनेत्री ने कहा कि लोगों को अपने दैनिक व्यवहार और फैसलों पर सवाल उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कैसे कपड़े पहन रहे हैं? कई लोग यह तक नहीं जानते कि एक जीन्स बनाने के लिए 2,000 लीटर से अधिक पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए बर्बादी कम, उपभोग कम कई और सीधे सवाल हैं। ज्यादातर पौधे पर आधारित भोजन करना, कम मांस खाना, स्थानीय और मौसमी फल तथा सब्जियां खाना और फिर यह समझ हर दूसरे काम में पैदा होनी चाहिए।’’