Daughter In Law And Mother In Law Relationship : कई बार जया बच्चन और ऐश्वर्या राय के बीच बॉन्डिंग तो दिखी है लेकिन कई बार दोनों के बीच बॉन्डिंग में कमी भी नजर आई है. कई बार जया अपनी बहू की तारीफ भी करती दिखती हैं. लेकिन अब बहुत ही कम सास-बहू को एक साथ स्पॉट किया जाता है. एक बार जया बच्चन की एक आदत से ऐश्वर्या परेशान होने लगी थीं
जया बच्चन मीडिया पर अधिकतर भड़क जाती हैं. अगर कोई पत्रकार बेमतलब के सवाल पूछता है, या प्राइवेट स्पेस में घुसने की कोशिश करता है तो जया बच्चन को गुस्सा आ जाता है. अपनी बहू ऐश्वर्या के लिए वो बहुत पजेसिव हैं. ऐसे में जब एकबार सुभाष घई की पार्टी में बहू ऐश्वर्या को पत्रकार ने ‘ऐश’ कहकर पुकारा तो वह उन्हें डांटने लगी कि क्या यह तुम्हारी स्कूल फ्रेंड है. इस दौरान ऐश्वर्या काफी ज्यादा असहज होती नजर आई थीं. कई रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है कि ऐश्वर्या राय को यह बात पसंद नहीं आई थी. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि जया का यूं बार-बार जिंदगी में दखल देना भी ऐश को परेशान कर रहा था. वैसे तो इन चीजों को महज अफवाह करार दिया गया था, लेकिन जिस तरह से पहले के मुकाबले दोनों के बीच पब्लिक प्लेस पर दूरी और उनके एक्सप्रेशन्स देखे जाते हैं, वे किसी और ही बात की ओर इशारा करते हैं. आम जिंदगी में भी ऐसा देखा जाता है कि बहू अपनी सास की दखल बर्दाश्त नहीं कर पाती है.चलिए जानते हैं इसके बारे में.
नहीं देती प्राइवेसी
सास-बहू के रिश्ते को ले कर न जाने कितने ही किस्से हमें देखने और सुनने को मिलते हैं. सास को बहू एक खतरे या प्रतिद्वंद्वी के रूप में ही ज्यादा देखती है. इसकी सबसे बड़ी वजह है सास का अपने बेटे को ले कर पजैसिव होना और बहू को अपनी मनमरजी से जीने न देना. सास का हस्तक्षेप ऐसा मुद्दा है जिसका सामना बेटाबहू दोनों ही नहीं कर पाते हैं. वे नहीं समझ पाते कि पजैसिव मां को अपनी प्राइवेसी में दखल देने से कैसे रोकें जिससे कि संबंधों में कटुता न आए.
बच्चों से जुड़े फैसले
बड़े होने के नाते सास अपनी राय रख सकती है, लेकिन वह अपने विचार थोप नहीं सकतीं. कई बार देखा जाता है कि बच्चों को अच्छी आदत सिखाने के लिए मां थोड़ा स्ट्रिक्ट पेश आती हैं, लेकिन दादी होने के नाते सास उल्टा मां को ही पीछे हटने को कह देती हैं. यह किसी भी बहू के बर्दाश्त के बाहर की बात होती है, क्योंकि ये प्यार बच्चे को जिद्दी और कई रूप में बिगाड़ सकता है.
नौकरी से जुड़े फैसले और घर के काम
बहू को कितने बजे जाना चाहिए, कितने बजे आना चाहिए, कितना समय ऑफिस के काम को देना चाहिए, जैसी चीजें जब सास तय करने की कोशिश करने लगती है, तो बहू उस माहौल में घुटन महसूस करने लगती है.
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