ड्राफ्ट नियमों में कहा गया है कि पब्लिक को प्रभावित करने वाली ‘नई टेक्नॉलजी, ऐप और फंक्शंस’ को लॉन्च करने से पहले ऐप प्रोवाइडर्स को सिक्योरिटी असेसमेंट की जरूरत होगी। CAC ने किसी खास ऐप को लेकर यह नहीं कहा है ना ही सिक्योरिटी असेसमेंट की रूपरेखा के बारे में बताया है। सिर्फ यह बताया गया है कि सब नैशनल रेग्युलेशंस के अनुसार किया जाना चाहिए।
रेग्युलेटर ने कहा है कि प्रस्तावित नियम ‘टेक्स्ट, पिक्चर, वॉइस, वीडियो और अन्य इन्फर्मेशन प्रोडक्शन’ के साथ-साथ इंस्टेंट मेसेजिंग, समाचार प्रसार, फोरम कम्युनिटीज, लाइवस्ट्रीमिंग और ई-कॉमर्स पर लागू होंगे। रेग्युलेटर ने कहा है कि मोबाइल ऐप प्रोवाइडर्स को ऐसी गतिविधियों का संचालन नहीं करना चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हों या यूजर्स को गैर-जरूरी पर्सनल इन्फर्मेशन शेयर करने के लिए मजबूर करते हों। यह भी कहा गया है कि न्यूज ऐप को न्यूज पब्लिश करने की अनुमति हासिल करने के लिए लाइसेंस लेना होगा।
पिछले एक साल में चीन ने गेमिंग से लेकर रियल एस्टेट और एजुकेशन के सेक्टर में भी नियमों को कड़ा किया है। CAC ने ऐसे कई अभियान चलाए हैं, जिनमें टेक सेक्टर को टारगेट किया गया है। मंगलवार को ही CAC ने घोषणा की थी कि वह दो नए नियम लागू करेगी। पहले नियम के तहत 10 लाख से ज्यादा यूजर्स वाली प्लेटफॉर्म कंपनियों को विदेशों में लिस्ट होने से पहले सिक्योरिटी असेसमेंट से गुजरना है। यह नियम फरवरी में प्रभावी होगा। दूसरे नियम के तहत कंपनियों के एल्गोरिदम यूज को कंट्रोल किया जाना है। यह नियम मार्च से प्रभावी होगा। चीन सरकार अपने नागरिकों के अधिकारों को नियंत्रित करने के लिए इस तरह के नियम लेकर आती रहती है।
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