कोरिया टाइम्स ने DPK के ऑफिशियल्स के हवाले से बताया है कि इस महीने से उनकी पार्टी डिजिटल इमेजेस को इशू करना शुरू करेगी। इसके तहत ‘ली जे-म्युंग’ की फोटोज और पॉलिसीज का प्रचार किया जाएगा। इन NFT को ‘ली जे-म्युंग’ के सपोर्टर्स बाकी लोगों के साथ एक्सचेंज कर सकेंगे और इस तरह से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के कैंपेन को आगे बढ़ाया जाएगा। सियोल के नैशनल इलेक्शन कमीशन (NEC) के अनुसार, पैसे जुटाने के लिए NFT का इस्तेमाल करने से चुनावों से जुड़े नियमों या दूसरे नियमों का उल्लंघन नहीं होता है।
हाल ही में DPK के एक सांसद ने कहा था कि जनवरी के आसपास से क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर मिलने वाले दान को भी स्वीकार किया जाएगा। दान की रसीद के तौर पर NFT जारी किए जाएंगे। हाल के वक्त में साउथ कोरिया में क्रिप्टो संबंधित रेग्युलेशंस को लेकर लोगों के बीच चिंता बढ़ी है। देश के राष्ट्रपति चुनावों में क्रिप्टो का इस्तेमाल शुरू होने से इसे एक बदलाव के तौर पर भी देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि डीसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो संपत्तियों के गैरकानूनी इस्तेमाल की जांच करने के लिए दक्षिण कोरिया देश में क्रिप्टोकरेंसी पर नियम लागू करने के तरीके तलाश रहा है। सितंबर 2021 में यहां एक नया नियम लागू किया गया था। इसके तहत क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो गया है। साथ ही निवेशकों के रियल-नेम अकाउंट्स को वेरिफाई करने के लिए बैंकों के साथ भी पार्टनरशिप करनी होती है।
यहीं नहीं, NFT पर टैक्स लगाना और उसका रेग्युलेश भी देश के अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अक्टूबर में देश के वित्त मंत्री ‘होंग नाम-की’ ने कहा था कि NFT को वर्चुअल असेट के तौर पर कैटिगराइज नहीं करना चाहिए। साउथ कोरिया का फाइनेंशियल सर्विस कमीशन (FSC) भी NFT को डिजिटल संपत्ति के रूप में कैटिगराइज करने या न करने को लेकर दुविधा में है।
देश के प्रमुख अखबार Hankyung के अनुसार, साल 2018 के बाद साउथ कोरिया में क्रिप्टाकरेंसी सेक्टर ने उछाल देखा है। देश के 20 लाख से ज्यादा लोग इस पर दांव लगा रहे हैं।
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