क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पैसे जुटाने वालों के लिए सजा की घोषणा करते समय उनके पिछले रिकॉर्ड को भी देखा जाएगा। अगर आरोपी का क्रिमिनल रिकॉर्ड पाया जाता है, तो उसी हिसाब से सजा भी तय की जाएगी।
हाल के दिनों में यूक्रेन और कनाडा जैसे देशों से भी क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंड जुटाने के मामले सामने आए हैं। CryptoPotato की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इन गाइडलाइंस के जरिए फाइनेंशियल क्राइम्स को खत्म करने और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंड जुटाने में लिप्त लोगों को सजा देना चाहता है।
वैसे, क्रिप्टो सेक्टर के प्रति चीन का यह रवैया कोई नई बात नहीं है। पिछले साल सितंबर में चीन ने क्रिप्टो माइनिंग और ट्रेडिंग पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। जिस वक्त यह फैसला लिया गया, उस वक्त चीन में क्रिप्टो माइनर्स की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा थी। चीन ने अबतक यह नहीं बताया है कि उसने क्रिप्टो को लेकर इतने सख्त कदम किन वजहों से उठाए।
हालांकि ऑटो मेकर टेस्ला के चीफ एलन मस्क ने कहा था कि चीन में बिजली की कमी एक कारण हो सकती है, जिस वजह से क्रिप्टो माइनिंग पर बैन लगाया गया। गौरतलब है क्रिप्टो माइनिंग में बेतहाशा बिजली खर्च होती है।
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया के ज्यादातर देशों का रुख अभी स्पष्ट नहीं है। मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और टेरर फंडिंग जैसी अवैध गतिविधियां इसकी वजह से आसान हुई हैं, जिस वजह से दुनियाभर के सरकारें क्रिप्टो को लेकर सकारात्मक रवैया नहीं दिखा पा रहीं।