CryptoSlate की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवैध क्रिप्टो माइनिंग सेंटर से 190 क्रिप्टो माइनिंग यूनिट्स जब्त की गई हैं। इनकी कुल कीमत लगभग 50 लाख चाइनीज येन (लगभग 6 करोड़ रुपये) है। यह माइनिंग सेंटर 1,000 घंटों से अधिक से एक्टिव था और इस दौरान इसने 90,000 किलोवॉट से अधिक इलेक्ट्रिसिटी की खपत की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसे इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन रेंट पर देने वाली एक फर्म की आड़ में चलाया जा रहा था। चाइना सिक्योरिटीज न्यूज ने एक रिपोर्ट में कहा है, “पावर सप्लाई डिपार्टमेंट की मदद से इस माइन को पकड़ा गया है और माइनिंग एक्टिविटीज को तुरंत बंद करने के लिए कहा गया है।” चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो एक्टिविटीज पर बंदिशें लगाई थी।
चाइनीज सुप्रीम पीपल्स कोर्ट ने पिछले महीने वर्चुअल करंसी के जरिए फंड जुटाने पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया था और इस तरीके को गैर कानूनी करार दिया था। चीन की अथॉरिटीज छिपकर क्रिप्टो माइनिंग करने वालों को पकड़ रही हैं। इससे पहले जियांग शहर में एक छापे में अवैध क्रिप्टो माइनिंग सेंटर पकड़ा गया था और 916 माइनिंग डिवाइसेज को जब्त किया गया था।
इस बारे में चाइना सिक्योरिटी न्यूज ने कहा है, “ये क्रिप्टो माइनर्स एनर्जी की अधिक खपत करते हैं और इस वजह से कार्बन एमिशन बढ़ता है। इनका इकोनॉमी में बहुत कम योगदान है।” कजाकस्तान जैसे कुछ अन्य देश भी एनर्जी के संकट के कारण अवैध क्रिप्टो माइनिंग सेंटर्स पर लगाम लगा रहे हैं। CoinShares की हाल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि बिटकॉइन माइनिंग की लगभग 60 प्रतिशत एक्टिविटी के लिए फ्यूल से मिलने वाली इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल होता है और इसकी ग्लोबल कार्बन एमिशन में 0.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अमेरिका में भी क्रिप्टो माइनिंग से टेक्सस जैसे कुछ राज्यों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हो रही है।
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