न्यूज एजेंसी ANI को सूत्रों ने बताया है कि जैन ने बुधवार को ED के सामने पेश होने में असमर्थता जताई। उन्होंने जांच में शामिल होने के लिए और समय मांगा है। बताया जा रहा है कि अब ED जैन को नया समन जारी करेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लगता है कि शाओमी ने फेमा का उल्लंघन किया है। ईडी यह जांच करेगा कि क्या वाकई कंपनी ने ऐसा किया है।
पिछले साल दिसंबर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चीनी मोबाइल कंपनियों Xiaomi, Oppo, OnePlus और कुछ अन्य चीनी फिनटेक फर्मों को सर्च किया था। कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में कंपनियों से संबंधित परिसरों की तलाशी ली गई थी।
ED के सूत्रों ने बताया है कि शाओमी को लेकर जांच एक हजार करोड़ रुपये से जुड़ी है। ED ने अपनी जांच में पाया है कि Xiaomi ने संबंधित उद्यमों के साथ लेनदेन के प्रकटीकरण के लिए रेगुलेटरी आदेश का पालन नहीं किया था। शाओमी के बहीखातों में विदेशी निधियों को शामिल किया गया है, लेकिन पता चला है कि जिस सोर्स से इस तरह का पैसा मिला, वो डाउटफुल है। कथित तौर पर ऋणदाता की कोई साख नहीं है। यह रकम करोड़ों रुपये की है, जिस पर ब्याज खर्च का दावा भी किया गया है।
बहरहाल, इस मामले में बुधवार को शाओमी के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। उन्होंने जांच में शामिल होने के लिए और समय देने का अनुरोध किया है। ईडी की तरफ से अब जैन को एक नया समन जारी किया जाएगा और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा।