Famous Tea Outlets: धीरे-धीरे लोगों को चाय का इतना ज्यादा चस्का लगने लगा है कि अब तो बहुत सारे लोग खुद की पहचान भी ‘चाय लवर’ के तौर पर बताने लगे हैं. आप भी सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज़ देखते होंगे जिनमें चाय को हर मर्ज की दवा या जन्नत का एहसास दिलवाने वाली चीज के तौर पर बताया जाता है. अगर आप भी चाय की एक चुस्की से चस्के तक का सफर तय कर चुके हैं तो हां आप वाकई खुद को टी लवर घोषित कर सकते हैं. वहीं अगर कुल्हड़ वाली चाय के नाम से आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है तो आज हम आपके मन में एक ऐसी जगह की चाय पीने के लिए इच्छा जगा देंगे. जहां चाय बेचने वाले दावा है कि अगर आप आज इस चाय का स्वाद चखें और फिर 10 साल बाद भी यहां की चाय ट्राई करें, तब भी उसका स्वाद नहीं बदलेगा. इस चाय के जरिए आप प्रकृति से दोस्ती भी कर सकते हैं.
दरअसल, हम गुरुग्राम के सेक्टर 44 में खुले एक टी स्टाल की बात कर रहे हैं. ‘चायस्ट’ (Chaist) नाम से साल 2021 के नवंबर महीने में खोले गए इस टी स्टाल की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. गुरुग्राम की ऊंची-ऊंची इमारतों में काम करने वाले लोगों की डेस्क तक चायस्ट के कुल्हड़ जगह बना चुके हैं. आपको बता दें कि सीजे डार्सल की बिल्डिंग के पास धीरज पाटीदार और निलेश पाटीदार ने कुल्हड़ में चाय पिलाने के बाद लोगों को प्रकृति का स्पर्श महसूस कराने का इरादा किया.
जिस कुल्लहड़ में पीएंगे चाय, उसी में मिलेगा पौधा
इस चाय आउटलेट की खास बात ये है कि यहां अगर आप चाय पीने आएंगे तो आप 20-25 रुपये एक्स्ट्रा दे कर उसी कुल्हड़ में ऑर्डर दे कर एक पौधा लगवा सकते हैं. जिसे आप अपने ऑफिस या घर में भी रख सकते हैं. धीरज उन कुल्हड़ों को अच्छे से साफ करते हैं और खुद उनमें प्यारा सा पौधा लगा कर देते हैं. धीरज का मानना है कि कुल्हड़ों को फेंकने की जगह उन्हें गमले की तरह रीयूज किया जा सकता है. उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की अपील भी की है.
चाय पीने के बाद उसी कुल्हड़ में थोड़े एक्स्ट्रा रुपये दे कर पौधा लगवा सकते हैं.
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चाय पीने के शौक न एग्रीकल्चरिस्ट को बनाया चाय वाला
धीरज का कहना है कि उनके इस तरह के और भी आउटलेट्स खुलेंगे, जिन पर फिलहाल काम चल रहा है. वह चाहते हैं कि उनके पास हर तरह का कस्टमर आए. खास बात ये है कि इंदौर के रहने वाले धीरज खुद पेशे से एग्रीकल्चरिस्ट (Agriculturist) रह चुके हैं. उन्होंने पहले चाय बेचने का काम पार्ट टाइम तौर पर किया. उसके बाद वह पूरी तरह इस काम में जुट गए. उन्होंने न्जूज़18 हिंदी से बातचीत करते हुए यह भी जानकारी साझा की कि वह खुद भी चाय पीने के शौकीन हैं लेकिन उन्हें गुरुग्राम में कहीं ऐसी चाय नहीं मिली जिसे पीने के बाद उन्हें सुकून मिला हो. कॉलेज टाइम से ही चाय उनकी पसंदीदा रही है. वह तब ही से ही ये इरादा कर चुके थे कि वह टी लवर्स के लिए ऐसी चाय बनाएंगे जो उनके जेहन में उतर जाए.
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करीब 200 लीटर दूध पर किया ‘चाय एक्सपेरिमेंट’
धीरज से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने 200-250 लीटर दूध पर एक्सपेरिमेंट किया और ऐसी चाय बनाई जिसका टेस्ट कभी नहीं बदलता. उनका मानना है कि बहुत सारे लोग चाय पीना पसंद करते हैं. जिनमें से कई सारे ऐसे लोग भी हैं जिन्हें बिल्कुल सादी चाय पसंद है. आपको बता दें कि धीरज इससे पहले बतौर सीनियर क्रॉप क्वालिटी एनालिस्ट काम करते थे. अगर आप भी इनके स्टाल की चाय का स्वाद लेना चाहते हैं और घर पर एक ‘ग्रीन फ्रेंड’ यानी पौधा लाना चाहते हैं तो धीरज और निलेश से जरूर मिलें.
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