नई दिल्ली: नामिबिया स्थित होबा वेस्ट उल्का (The Hoba West meteorite) पृथ्वी पर पाया गया सबसे विशाल अखंड उल्का है. इसका द्रव्यमान 60 टन है और 84% लोहे से निर्मित है. यह पृथ्वी पर सबसे विशाल लोहे की प्राकृतिक वस्तु भी है.
किसान के खेत में निकला था उल्का पिंड
होबा उल्का पिंड का नाम होबा वेस्ट के नाम पर रखा गया है, जहां इसे खोजा गया था. 1920 में इसे पहली बार एक किसान ने देखा था. इसे आज तक एक बार भी हिलाया नहीं गया है. जैकबस हरमनस ब्रिट्स नाम का किसान जब अपने खेत में जुताई कर रहा था, तभी अचानक उसका हल रुक गया. जब उसने जमीन को खोदा तो वहां ये बड़ा पत्थर निकला.
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80 हजार साल पुराना होबा वेस्ट
इसके तुरंत बाद वहां खुदाई की गई और इसे उल्का पिंड के रूप में पहचाना गया, जिसने वैज्ञानिकों का ध्यान जल्दी से आकर्षित किया. ऐसा माना जाता है कि होबा उल्कापिंड लगभग 80,000 साल पहले पृथ्वी पर गिरा है. जियोलॉजी डॉट कॉम के अनुसार, एक क्रेटर की कमी से पता चलता है कि यह अपेक्षा से कम गति से पृथ्वी पर गिरा. वहीं कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वस्तु के सपाट आकार का परिणाम था.
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साल 1987 में बनाया गया पर्यटन केंद्र
1955 में लोगों को इसके साथ बर्बरता करने से रोकने के लिए होबा उल्का पिंड को नामीबिया का राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था. 23 साल बाद, खेत के मालिक ने शैक्षिक उद्देश्यों के लिए उल्कापिंड और उस जगह को राज्य को दान कर दिया जहां वो स्थित है. इसके बाद साल 1987 में इस स्थल पर एक पर्यटन केंद्र खोला गया था, और आज तक हर साल हजारों लोग इसे देखने जाते हैं.
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