फ्लोरोना
के
खिलाफ
इम्यूनिटी
की
भूमिका
कायरो
यूनिवर्सिटी
हॉस्पिटल
की
डॉ.
नहला
अब्देल
वहाबी
ने
बताया
कि
फ्लोरोना
व्यक्ति
की
इम्यूनिटी
पर
निर्भर
करती
है।
उनके
अनुसार,
खराब
इम्यूनिटी
के
चलते
लोगों
के
दिल
की
मांसपेशी
में
सूजन
आ
सकती
है,
क्योंकि
दो
गंभीर
वायरस
का
एक
साथ
अटैक
करना
कोई
आम
बात
नहीं
है।
फ्लोरोना
से
कितना
खतरनाक
है,
इस
पर
रिसर्च
की
जा
रही
है।
फ्लोरोना
के
लक्षण?
फ्लोरोना
से
बीमार
व्यक्ति
में
कई
तरह
के
लक्षण
एक
साथ
देखे
जा
सकते
हैं।
इसमें
निमोनिया,
मायोकार्डिटिस
व
अन्य
सांस
संबंधी
परेशानियां
शामिल
हैं।
सही
समय
पर
इलाज
न
करवाने
से
ये
समस्याएं
जानलेवा
साबित
हो
सकती
हैं।
कैसे
फैलता
है
फ्लोरोना?
मायोक्लीनिक
के
मुताबिक,
जिन
वायरसों
की
वजह
से
कोरोना
और
फ्लू
होता
है,
इन
दोनों
के
संचारण
का
तरीका
एक
सा
है।
ये
दोनों
वायरस
करीबी
संपर्क
में
आने
से
ही
फैलते
हैं।
बात
करने,
छींकने
या
खांसने
से
निकलने
वाली
सांस
की
बूंदों
या
एरोसॉल
के
माध्यम
से
इनके
वायरस
फैलते
हैं।
ये
ड्रॉपलेट्स
सांस
लेने
पर
मुंह
या
नाक
के
जरिए
शरीर
के
अंदर
पहुंच
सकते
हैं।
ये
वायरस
तब
भी
फैल
सकते
हैं
जब
कोई
व्यक्ति
इन
दोनों
में
से
किसी
वायरस
वाली
सतह
को
छूता
है
और
फिर
अपने
मुंह,
नाक
या
आंखों
को
छूता
है।
कितना
खतरनाक
है
फ्लोरोना
इजराइली
स्वास्थ्य
मंत्रालय
और
अमेरिका
के
सेंटर्स
फॉर
डिसीज
कंट्रोल
(CDC)
के
मुताबिक,
फ्लोरोना
का
संक्रमण
तेजी
से
फैल
सकता
है।
फ्लोरोना
होने
पर
वायरस
के
तेजी
से
फैलने
का
खतरा
अधिक
है।
ये
इंफेक्शन
शरीर
को
खोखला
कर
सकता
है।
इसके
अलावा
संक्रमण
बढ़ने
पर
मौत
का
खतरा
ज्यादा
रहता
है।
ये
बचाव
का
तरीका
WHO
के
मुताबिक,
फ्लोरोना
के
खतरे
से
बचने
का
सबसे
प्रभावशाली
तरीका
इंफ्लुएंजा
वैक्सीन
और
कोविड-19
दोनों
की
वैक्सीन
लगवाना
है।
इसके
अलावा
WHO
ने
इससे
बचने
के
लिए
कुछ
नियमों
की
पालन
करने
की
भी
सलाह
देता
है।
-लोगों
से
कम
से
कम
एक
मीटर
दूरी
बनाए
रखना।
–
अगर
दूरी
बनाना
संभव
न
हो
तो
अच्छी
तरह
फिट
होने
वाले
–
मास्क
का
प्रयोग
करना,
भीड़-भाड़
वाली
और
खराब
वेटिलेंशन
वाली
जगहों
से
बचना,
हवादार
कमरे
में
रहना।
–
अपने
हाथों
को
लगातार
धोते
रहना
और
सेनिटाइज
करते
रहना
है।
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