‘प्री-कॉशन’
डोज
क्या
है?
फिलहाज,
‘प्री-कॉशन’
डोज
की
कोई
सटीक
परिभाषा
नहीं
है।
लेकिन
कोविड
टीकाकरण
पर
तकनीकी
टीम
द्वारा
दी
गई
सलाह
के
अनुसार,
कोविड
वैक्सीन
की
तीसरी
खुराक
पहले
दो
खुराक
से
अलग
प्लेटफॉर्म
पर
आधारित
वैक्सीन
की
होनी
चाहिए।
ये
फिलहाल
60
वर्ष
से
अधिक
और
फ्रंटलाइन
वर्कर्स
के
लिए
प्लान
की
जा
रही
है।
क्या
है
बूस्टर
डोज?
बूस्टर
वैक्सीन
खुराक
एक
अतिरिक्त
शॉट
है
जो
उन
लोगों
के
लिए
दिया
जाना
है
जिनकी
प्रतिरक्षा
पूरी
तरह
से
टीकाकरण
के
पांच
से
छह
महीने
बाद
कम
हो
जाती
है
(यानी,
दोनों
वैक्सीन
शॉट
प्राप्त
करना)।
जबकि
बूस्टर
शॉट्स
के
उपयोग
पर
तेजी
से
विचार
किया
गया
है
क्योंकि
क्लीनिकल
रिसर्च
के
अनुसार
वर्तमान
में
मौजूद
वैक्सीन
मॉडल
ने
कोरोना
वायरस
के
कुछ
वेरिएंट
के
समक्ष
लड़खड़ाती
प्रतिरक्षा
का
प्रदर्शन
किया
है,
कई
देशों
और
चिकित्सा
विशेषज्ञों
ने
लोगों
को
घातक
COVID-19
वेरिएंट
के
जोखिमों
से
बचाने
के
लिए
उनका
उपयोग
करने
पर
विचार
किया
है।
किसे
मिलेगा
प्रीकॉशन
डोज
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
प्राधिकरण
के
मुख्य
कार्यकारी
अधिकारी
डॉ
आरएस
शर्मा
ने
बताया
60
साल
से
अधिक
उम्र
के
बुजुर्ग
आबादी,
जो
कोमोरबिडिटी
के
साथ
कोविड
-19
की
प्रीकॉशन
डोज
के
लिए
पात्र
हैं,
उन्हें
खुराक
लेने
के
लिए
एक
कोमोरबिडिटी
सर्टिफिकेट
लाना
होगा।
उन्होंने
बताया
कि
सरकार
की
कॉमोर्बिटिज
लिस्ट
में
22
बीमारियां
शामिल
हैं,
जिसमें
ये
निम्न
बीमारियां
हैं-
डायबिटीज,
किडनी
डिजीज
या
डायलिसिस
कार्डियोवैस्कुलर
डिजीज
स्टेमसेल
ट्रांसप्लांट
कैंसर
सिरोसिस
सिकल
सेल
डिजीज
प्रोलॉन्गड
यूज
ऑफ
स्टेरॉयडस
इम्यूनोसप्रैसेंट
ड्रग्स
मस्कुलर
डिस्ट्रॉफी
रेसपिरेटरी
सिस्टम
पर
एसिड
अटैक
हाई
सपोर्ट
की
जरूरत
वाले
विकलांग
मूकबधिर-अंधापन
जैसी
मल्टीपल
डिसएबेलिटिज
गंभीर
रेसपिरेटरी
डिजीज
से
दो
साल
अस्पताल
में
रहें
हों
प्रीकॉशन
डोज
रजिस्ट्रेशन
का
स्टेप
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
शनिवार
रात
को
60+
उम्र
वाले
ऐसे
बुजुर्गों
को
10
जनवरी
से
वैक्सीन
की
प्री-कॉशन
डोज
देने
की
घोषणा
की
थी,
जो
कॉमोर्बिटिज
के
दायरे
में
आते
हैं।
आइए
जानते
है
कैसे
प्रीकॉशन
डोज
के
लिए
रजिस्टर्ड
करें।
–
प्रीकॉशन
डोज
के
वैक्सीनेशन
का
प्रोसेस
पहले
की
दोनों
वैक्सीनेशन
तरह
ही
है।
–
इसमें
CoWIN
प्लेटफॉर्म
पर
जाना
है
जहां
पहले
से
इस
डोज
को
लेने
वाले
का
डेटा
मौजूद
होगा।
–
बुजुर्गों
को
पहले
किसी
रजिस्टर्ड
डॉक्टर
से
अपना
कॉमोर्बिटोज
सर्टिफिकेट
बनावाना
है।
–
इसके
बाद
उन्हें
यह
सर्टिफिकेट
CoWIN
प्लेटफॉर्म
पर
अपलोड
करना
होगा।
–
प्लेटफॉर्म
के
बजाय
वैक्सीनेशन
सेंटर
पर
हार्ड
कॉपी
जा
कराने
का
विकल्प
भी
मिलेगा।
–
सर्टिफिकेट
की
हार्ड
कॉपी
वैक्सीनेशन
सेंटर
पर
देने
के
बाद
उन्हें
तीसरी
डोज
लगेगी।
–
तीसरी
डोज
लगाए
जाने
के
बाद
हर
एक
को
बूस्टर
या
प्रीकोशन
डोज
सर्टिफिकेट
भी
मिलेगा।
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