CoinMarketCap और Binance जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह लगभग 50,000 डॉलर (लगभग 38 लाख रुपये) पर ट्रेड हो रहा है। भारत में हाल ही में क्रिप्टोकरंसीज पर बैन लगाने की अटकलों के कारण Bitcoin अपने 68,327.99 डॉलर के अभी तक के हाई लेवल से काफी नीचे आ गया था।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी Ether का प्राइस भी 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला। Gadgets 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, यह अभी 4,612 डॉलर (लगभग 3.4 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रहा है। पिछले कुछ दिनों में मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव के बावजूद Ether का प्राइस 4,000 डॉलर से अधिक रहा है। Cardano, Ripple, Shiba Inu और Polygon के प्राइसेज में भी कुछ गिरावट रही। हालांकि, Tether, USD Coin, Dogecoin, Litecoin, Uniswap और Chainlink जैसे ऑल्टकॉइन्स के प्राइसेज में कुछ बढ़ोतरी हुई है।
क्रिप्टो इनवेस्टमेंट फर्म Mudrex ने Gadgets 360 को बताया, “आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरंसी मार्केट एक रेंज में रह सकता है।” दुनिया भर में क्रिप्टोकरंसीज में इनवेस्टमेंट करने वालों की संख्या बढ़ रही है। हाल की एक स्टडी से पता चलता है कि क्रिप्टो यूजर्स की संख्या इस वर्ष बढ़कर 28.8 प्रतिशत हो गई है। यह पिछले वर्ष के 18.4 प्रतिशत से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है।
हालांकि, भारत सहित कुछ देशों में में क्रिप्टोकरंसीज को लेकर सरकार और रेगुलेटर्स ने आशंका जताई है। भारत में फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक क्रिप्टो बिल तैयार किया है जिसमें प्राइवेट क्रिप्टोकरंसीज पर बैन लगाने की जरूरत बताई गई है। इसमें कानून का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करना भी शामिल है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद इस बिल को संसद में प्रस्तुत किया जाएगा।
केंद्र सरकार कह चुकी है कि उसका मकसद ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना है लेकिन कानूनी जानकारों का कहना है कि प्रस्तावित कानून भारत में नॉन-फंजिबल टोकन मार्केट के लिए भी एक झटका होगा। एक अनुमान के अनुसार, देश में लगभग दो करोड़ क्रिप्टो इनवेस्टर हैं। इनके पास लगभग 45,000 करोड़ रुपये की क्रिप्टो होल्डिंग्स हैं।