Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, EU अथॉरिटीज की ओर से क्रिप्टो एसेट्स को लेकर लोगों को यह सीधी चेतावनी दी गई है। इससे संकेत मिलता है कि क्रिप्टो में इनवेस्टमेंट करने वालों के पास EU के फाइनेंशियल सर्विसेज कानून के तहत कोई सुरक्षा या मुआवजे का प्रावधान नहीं है। रेगुलेटर्स इससे चिंतित हैं कि Bitcoin और Ether सहित क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने वालों की संख्या बढ़ रही है। क्रिप्टो के कुल मार्केट में Bitcoin और Ether की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत की है। रेगुलेटर्स का कहना है कि लोगों को क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े रिस्क की पूरी जानकारी नहीं है।
बयान के अनुसार, “कस्टमर्स को भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सतर्क होना चाहिए। इनमें सोशल मीडिया और इंफ्लुएंसर्स के जरिए दिए जाने वाले विज्ञापन शामिल हैं। कस्टमर्स को जल्द या अधिक रिटर्न की गारंटी से विशेषतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है।” इसके अलावा लोगों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कुछ क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की बहुत अधिक खपत होती है और इससे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे पहले भी EU की ओर से क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर आशंका जताई जा चुकी है। कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी क्रिप्टोकरेंसीज का विरोध कर रही हैं।
इनमें इंटरनेशनल मॉनेटर फंड ( IMF) भी शामिल है। IMF ने कर्ज से दबे अर्जेंटीना के कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग से जुड़ी डील में क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल घटाने की शर्त भी रखी है। IMF का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसीज के डीसेंट्रलाइज्ड और बिना रेगुलेशन के होने की वजह से इनका इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसीज सेगमेंट में वोलैटिलिटी भी एक बड़ी आशंका है। IMF ने क्रिप्टोकरेंसीज का लगातार विरोध किया है। पिछले वर्ष IMF ने अल साल्वाडोर के बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने को गलत बताया था। IMF का कहना था कि इससे अल साल्वाडोर की आर्थिक स्थिरता को नुकसान हो सकता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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