Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच में गुरुवार से युद्ध शुरू हो चुका है. रूस लगातार आक्रमक रुख अपनाता जा रहा है और यूक्रेन पर बम, मिसाइल और रॉकेट से हमला कर रहा है. लेकिन इस हमले से पहले रूस ने यूक्रेन पर साइबर अटैक भी किया था. इस हमले से यूक्रेन के बैंक और सरकारी डिपार्टमेंट की वेबसाइट्स क्रैश हो गई थी. रूस का यह पहला साइबर अटैक नहीं था. इससे एक हफ्ते पहले भी रूस ने यूक्रेन की करीब 50 वेबसाइट्स को निशाना बनाया था. एक्सपर्ट का कहना है कि जिस मैलवेयर के जरिए रूस ने यूक्रेन को निशाना बनाया था, उसका नाम वाइपर मैलवेयर है. आइए जानते हैं क्या है यह मैलवेयर और कैसे करता है काम.
क्या है वाइपर मैलवेयर
वाइपर मालवेयर अटैक को हर्मेटिक वाइपर (Hermetic Wiper) नाम से भी जाना जाता है. इस मैलवेयर के जरिए सिस्टम का पूरा डेटा डिलीट किया जा सकता है. यह दूसरे मैलवेयर से अलग होता है और इसने जिस डेटा को डिलीट कर दिया, उसे फिर से रिकवर नहीं किया जा सकता है. इससे आपके सिस्टम का सर्वर पूरी तरह से हैकर्स कंट्रोल कर लेता है.
इस मैलवेयर को बनाने में लगा लंबा समय
एक्सपर्ट की मानें तो इस मैलवेयर को तैयर करने में करीब 2 महीने का समय लगा होगा. इसमें हैकर्स ने पहले कंप्यूटर्स में हर्मेटिक वाइपर मालवेयर इंस्टॉल किया. इसके बाद DDoS अटैक (Distributed denial-of-service) किया. इस दौरान एक डेटा वाइपिंग सॉफ्टवेयर (Data-Wiping Software) का भी यूज किया गया.
6 देशों के साइबर एक्सपर्ट यूक्रेन पहुंचे
इस हमले के बाद यूक्रेन की मदद करने यूरोपीय संघ के 6 देशों (लिथुआनिया, नीदरलैंड्स, एस्टोनिया, पोलैंड, रोमानिया और क्रोएशिया) से साइबर एक्सपर्ट इस मैलवेयर को खत्म करने में लगे हुए हैं.
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