Giloy Benefits for Liver: लिवर (Liver) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है. पाचन क्रिया में लिवर की अपनी विशेष भूमिका होती है. लिवर जीतना स्वस्थ होता है, उतनी ही अच्छी पाचन क्रिया होगी. लिवर का खराब होना वर्तमान की बहुत बड़ी समस्या है. लिवर में फैट जमा होने की समस्या ऐसे व्यक्तियों में 60 प्रतिशत ज्यादा होती है, जो मोटापा, डायबिटीज, ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित होते हैं. कोरोना के समय में लोगों ने अपने लिवर को स्वस्थ (Healthy Liver) रखने के लिए तुलसी, आंवला, अदरक, हल्दी और गिलोय (Giloy) को अपनाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया है. गिलोय लिवर के लिए बहुत ही प्रभावी औषधि है, परंतु इन सभी देशी एवं आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रयोग तय मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए अन्यथा यह दुष्पभावी भी हो सकते हैं और लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा कहती हैं कि भारत में हर 5 में से 1 व्यक्ति लिवर की समस्या से परेशान है. आयुर्वेद शास्त्र में गिलोय को अमृत के सामान माना गया है. लिवर से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने में गिलोय रामबाण औषधि है. यह डैमेज लिवर को ठीक करने में मदद करता है. लिवर संबंधित समस्याओं से बचने के लिए गिलोय के काढ़े से लेकर जूस और गोलियों (Giloy And Liver) का सेवन चिकित्सक की सलाह पर कर सकते हैं.
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क्या है गिलोय
डॉ. चंचल शर्मा कहती हैं कि गिलोय एक प्रकार की बेल है, जो पान के पत्तों की तरह दिखाई देता है. गिलोग में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधकता में वृद्धि करता है. गिलोय का तना स्टार्च से भरा रहता है, जिससे कई तरह के रोगों से लड़ने में यह मदद करता है.
लिवर खराब होने के कारण
- लिवर डैमेज के लिए एक नही बल्कि कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जो लिवर को खराब करते हैं.
- शराब एवं धूम्रपान का अधिक सेवन लिवर को फैटी और डैमेज कर देता है.
- अधिक दवाओं से सेवन से लिवर प्रभावित हो जाता है.
- अनियंत्रित जीवनशैली लिवर खराब कर देती है.
- वायरस संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस सी भी लिवर को खराब कर देती है.
गिलोय के औषधीय गुण और फायदे
- गिलोय एक ऐसी हर्बल जड़ी-बूटी है, जो वायरस से होने वाली बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखता है. गिलोय की तासीर गर्म होती है, जिससे सर्दी, खांसी-जुकाम से बचाता है. मौसम में बदलाव के कारण होने वाले फ्लू से भी शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है.
- गिलोय ब्लड प्लेटलेट्स में वृद्धि करता है. डेंगू, चिकनगुनिया से संक्रमित होने पर शरीर की प्लेट्स तेजी के साथ गिरने लगती है. ऐसे में आयुर्वेदिक विशेषज्ञ मरीज को गिलोय सेवन की सलाह देते हैं. गिलोय के सेवन से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ने लगती है. गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो डेंगू के मरीजों के लिए बहुत लाभाकरी होते हैं.
- गिलोय पीलिया (जॉन्डिस) में भी फायदेमंद होता है. पीलिया के मरीजों को गिलोय के पत्तों का रस पीने की सलाह दी जाती है, जिससे पीलिया से पीड़ित मरीजों को आराम मिलता है. गिलोय से बुखार के दर्द से राहत मिलती है.
- यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है. गिलोय के सेवन से कब्ज और पेट से जुड़ी सभी परेशानियों से राहत मिलती है.
- एनीमिया से ग्रसित लोगों में गिलोय लाभकारी दवा के रूप में काम करती है. इसमें ग्लूकोसाइड, पामेरिन, टीनोस्पोरिक एसिड पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर में खून की मात्रा का बनाए रखने में सहायक होते हैं.कब गिलोय का सेवन है नुकसानदायक
हर औषधि के दो पहलु होते हैं. गिलोय लाभकारी है, परंतु इसकी सही मात्रा का सेवन और चिकित्सक की उचित सलाह बहुत ही जरूरी है वरना यह अपना दुष्प्रभाव भी दिखा सकती है. आयुर्वेद के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में इसके सेवन पर मनाही होती है. गर्भवती महिलाओं, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, कम ब्लड शुगर लेवल वाले व्यक्तियों को इसका सेवन नही करना चाहिए. गिलोय ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है. जिनकी पाचन शक्ति बहुत ही कमजोर है, उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
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गिलोय की कितनी मात्रा का सेवन करना उचित
गिलाोय की मात्रा का निर्धारण व्यक्तियों की उम्र के आधार पर तय किया जाता है. कुछ स्वास्थ्य परिस्थितियों में गिलोय के सेवन पर पाबंदी होती है. सही मात्रा के सेवन की जानकारी आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक से ही मिल सकता है.
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