differences between gas and acidity: मशरूफियत और अनियमित लाइफ स्टाइल ने कई सारी समस्याओं को जन्म दिया है जिनमें एसिडिटी और गैस बहुत कॉमन समस्या है. गैस पास करना आम तौर पर सामान्य बात है लेकिन ये बड़ी अजीब परिस्थिति पैदा कर देती है. अगर वक्त रहते इन दोनों परेशानियों का इलाज नहीं कराया जाए तो ये स्वास्थ्य संबंधी काफी जटिल समस्याओं को जन्म दे सकती है. हेल्थ लाइन में छपे आर्टिकल के अनुसार एसिडिटी और गैस दोनों पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं हैं लेकिन दोनों के बीच में काफी अंतर है. आइए हम जानते हैं कि दोनों समस्याएं एक दूसरे से किस तरह से अलग है और कैसे इनसे आपको निजात मिल सकता है.
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एसिडिटी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (national institute of diabetes and kidney disease) के अनुसार, पेट में जब एसिडिटी बन जाए तो उसे मेडिकल भाषा में गैस्ट्रएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease-GERD) या एसिड रिफ्लक्स डिजीज कहते हैं. आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में लगभग 20 प्रतिशत लोगों को एसिडिटी प्रभावित करती है. एसिडिटी तब होती है जब गले से पेट की ओर जाने वाली नली का कपाट यानी निचला एसोफेजियल स्फिंक्टर (lower esophageal sphincter-LES) या तो अचानक आराम की स्थिति में आ जाता है या ठीक तरह से नली को टाइट नहीं कर पाता है. LES वर्तुलाकार मांसपेशियों से बना होता है जो पेट और एसोफैगस यानी गले की नली के बीच वाल्व का काम करता है. जब हम खाना खाते हैं, तो पेट में भोजन का अवशोषण होता है. यानी उससे पोषक तत्वों को निकाला जाता है. इस प्रक्रिया में कई तरह के एसिड बनते हैं. कभी-कभी यह एसिड एसोफेगस में उपर की ओर उठने लगता है. भोजन के साथ ही डाइजेस्टिव जूस भी बढ़ने लगता है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान छाती में तेज जलन होने लगती है. इसे एसिड इनडाइजेशन भी कहते हैं. इसमें पेट फूलने लगता है और सीने में जलन होने लगती है. पेट में तेज दर्द भी होता है. आज कल इस समस्या से हर उम्र के व्यक्ति जूझ रहा है. जिसके कारण आपको कई गंभीर संमस्याएं हो सकती हैं. जैसे स्केरिंग, अल्सर, पेनक्रियाज़ कैंसर, कैंसर आदि.
एसिडिटी के मुख्य कारण
शराब पीना
सिगरेट पीना
मोटापा
प्रेगनेंसी
ऊतक रोग (टिशू डिसीज़)
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गैस
पेट में गैस होना आम समस्या है. आपका पाचन तंत्र गैस पैदा करता है और इसे या तो मुंह से डकार के माध्यम से या मलाशय द्वारा पेट फूलने के माध्यम से समाप्त करता है. औसत व्यक्ति प्रति दिन लगभग 13 से 21 बार गैस पास करता है. गैस ज्यादातर कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और मीथेन से बनी होती है. पाचन तंत्र में गैस या तो हवा निगलने या कोलन में बैक्टीरिया द्वारा खाद्य पदार्थों के टूटने के कारण होती है.
इन चीजों के खाने से बनती है ज्यादा गैस
सेब
फलियां
ब्रोकोली
अंकुरित
पत्ता गोभी
गोभी
प्याज
आड़ू
ऐस करें गैस पर कंट्रोल
आप आपने खानपान पर ध्यान देकर इन समस्याओं से निजात पा सकते है.
एक बार में थोड़ा थोड़ा ही खाएं.
वसायुक्त खाने से बचें क्योंकि इसे पचाने में काफी मुश्किल होती है.
अपना वजन उम्र और हाइट के हिसाब से मैंटेन करें.
धूम्रपान छोड़ दें.
खाने के बाद कम से कम दो घंटे ना सोएं.
खाने के बाद टहलने की आदत जरूर बनाएं.
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