Obstructive Sleep Apnea Treatment And Complications: स्लीप एपनिया एक ऐसी बीमारी है जो काफी गंभी है. लंबे समय तक इस बीमारी का बने रहना और इलाज नहीं करवाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. इस बीमारी में ब्रीदिंग डिसऑर्डर की समस्या होती है. स्लीप एपनिया में सोते वक्त बार-बार सांस रुकती और चलती है. खतरनाक बात ये है कि इसमें नींद में ही सांस रुक जाती है और व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है. कई बार झटके से सांस आती है और नींद टूट जाती है. इस बीमारी के शिकार लोगों के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिससे कई और समस्याएं पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है. जानते हैं स्लीप एपनिया की वजह से कौन सी समस्याएं हो सकती हैं.
स्लीप एपनिया से होने वाली परेशानी (Obstructive sleep apnea Complications)
1- ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया गंभीर बीमारी है. पीड़ित व्यक्ति को दिनभर थकान, आलस और नींद आने की समस्या रहती है.
2- स्लीप एपनिया के पीड़ित व्यक्ति की सर्जरी में भी परेशानी होती है. एनेस्थीसिया देने के बाद इन्हें सांस लेने में दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
3- ऐसे लोगों को कई बार काम करते वक्त, ड्राइविंग करते वक्त या टीवी देखते-देखते अचानक से नींद आ सकती है.
4- जिन लोगों को ये बीमारी होती है उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आती है. खासतौर से बच्चों को इससे पढ़ाई में दिक्कत होती है.
5- इस बीमारी में आपके खून में ऑक्सीजन लेवल में कमी आने लगती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
6- ब्लड प्रेशर बढ़ने से कार्डियो सिस्टम पर जोर पड़ता है. स्लीप एपनिया से पीड़ित ज्यादातर लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है.
7- ब्लड प्रेशर की समस्या से ऐसे लोगों में हार्ट से जुड़ीं बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
8- अगर आप ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया के मरीज हैं तो आपको हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
9- इस बीमारी में हार्ट बीट असामान्य हो जाती है, जिससे कई बार ब्लड प्रेशर लो होने लगता है.
10- स्लीप एपनिया के साथ-साथ अगर आपको हार्ट से जुड़ी बीमारी है, तो इसमें अचानक मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है.
क्या है स्लीप एपनिया का इलाज (Sleep apnea treatment)
स्लीप एपनिया भले ही एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका इलाज संभव हैं. इस बीमारी में पीठ के बल सोने पर तेज खर्राटे आते हैं ऐसे में आपको करवट से सोना चाहिए.
इसके इलाज में कई बार एक ऐसा माउथपीस लगाया जाता है जिससे जबड़े पर दबाव पड़ता है. कखई मामलों में सर्जरी की जाती है. कुछ इलाज के तरीके में एक ऐसे डिवाइस का यूज किया जाता है जिससे सोते समय आपके वायुमार्ग खुला रह सकते. अगर आपको नींद में सांस रुकने के जैसा या फिर दिनभर थकान और चिड़चिड़ापन रहता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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