ब्रिस्बेन: न्यू ईयर और क्रिसमस नजदीक आने के साथ-साथ कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि अगर आप में कोरोना के लक्षण हों या फिर आप वायरस के संपर्क में आए हों, या उच्च जोखिम वाले माहौल में जा रहे हों, तो टेस्ट करवाते रहें.
ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड मिडवाइफरी की प्रोफेसर थिया वैन डे मोर्टेल ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि हमारे पास RT-PCR टेस्ट और सार्स-कोव-2 संक्रमण का कारण बनने वाले वायरस का पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट पहुंच हैं. अब सवाल यह है कि आपको किस टेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिए? इन टेस्ट में आखिर क्या अंतर है?
टेस्ट कैसे काम करते हैं?
प्रोफेसर ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए PCR टेस्ट किया जाता है. यह टेस्ट कोरोना के जेनेटिक मैटेरियल की खोज करता है. RT-PCR वायरल आरएनए को डीएनए में बदलता और जेनेटिक सीक्वेंस को बढ़ाता है, जिससे अरबों वेरिएंट बनते हैं, एक ऐसे पॉइंट तक, जहां इन वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है.
थिया वैन डे ने बताया कि टेस्ट वायरल जेनेटिक मैटेरियल की थोड़ी मात्रा को बढ़ा सकता है, इसे गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है और रैपिड एंटीजन टेस्ट जैसे अन्य टेस्ट की तुलना में पहले के चरणों में संक्रमण का पता लगा सकता है. इसके बजाय रैपिड एंटीजन टेस्ट वायरल प्रोटीन का पता लगाते हैं. प्रोटीन एंटीबॉडी के घोल में जुड़ जाते हैं जो प्रोटीन की मौजूदगी को दर्शाने के लिए फ्लोरोसेंट बन जाते हैं.
उन्होंने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट, RTPCR टेस्ट की तुलना में तेज (नतीजे हासिल करने में घंटे या दिन नहीं बल्कि 15-20 मिनट) होता है. साथ ही लाइन में लगने और एक स्वैब की इंतजार करने की तुलना में घर में किया जा सकता है, जिसका बाद में लैब में विश्लेषण किया जाता है. लेकिन वे PCR टेस्ट से कम संवेदनशील होते हैं क्योंकि कोई एप्लीफिकेशन प्रोसेस नहीं होती है.
कितने असरदार हैं टेस्ट?
प्रोफेसर ने बताया कि दोनों टेस्ट में संक्रमण का सही ढंग से पता लगाने की संभावना ज्यादा होती है, जब व्यक्ति का वायरल लोड ज्यादा होता है, PCR टेस्ट, रैपिड एंटीजन टेस्ट की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होते हैं.
आस्ट्रेलिया की एक स्टडी में एक तरह से रैपिड एंटीजन टेस्ट की संवेदनशीलता (सार्स-कोव-2 संक्रमण का सही पता, जब यह आपको हो चुका है) की तुलना एक PCR टेस्ट से करने पर पाया गया कि 77% पॉजिटिव एंटीजन टेस्ट रिजस्ट पीसीआर टेस्ट रिजल्ट के साथ हैं. उन्होंने बताया कि जब लक्षणों की शुरुआत के एक सप्ताह के भीतर लोगों का टेस्ट किया गया तो यह बढ़कर 100% हो गया.
कौन सा टेस्ट कब कराना है?
प्रोफेसर के मुताबिक RTPCR टेस्ट तब कराएं अगर आपमें कोविड के लक्षण हों, कोविड वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हों, रैपिड एंटीजन टेस्ट का पॉजिटिव रिजल्ट आने पर, क्योंकि PCR कन्फर्मेशन जरूरी है. साथ ही क्वारंटीन या आइसोलेशन से फ्री होने के लिए एक स्वास्थ्य विभाग को इसकी जरूरत होने पर टेस्ट कराया जा सकता है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग से किसी स्थान की यात्रा करने की इजाजत पर भी टेस्ट कराना पड़ सकता है.
इन स्थितियों में PCR टेस्ट कराया जा सकता है, क्योंकि यह संक्रमण का पता करने में अधिक सटीक है. अगर आप किसी सेंसटिव साइट पर जाने का प्लान बना रहे हैं या फिर किसी ऐसे व्यक्ति के साथ संपर्क करने की योजना बना रहे हैं जो कोविड से उच्च जोखिम में है तो आपको रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना चाहिए.
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इसके अलावा कोविड के लक्षण हैं लेकिन PCR टेस्टिंग सेंटर पर नहीं जा सकते हैं और ऐसे आयोजन में जा रहे हैं जहां बहुत सारे लोग मिल रहे होंगे, खासकर अगर इसे घर के अंदर आयोजित किया जा रहा है जहां जोखिम काफी अधिक है तब भी रैपिड टेस्ट कराना चाहिए. अगर आप जल्दी से जांचना चाहते हैं कि क्या आपको कोविड संक्रमण हो सकता है या फिर एक नियमित कोविड निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा हैं, तब भी रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया जा सकता है.
रैपिड टेस्ट को जांच उपकरण माना जाता है. दूसरे शब्दों में, यह संकेत दे सकता है कि आप संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन नजीते की पुष्टि के लिए एक पीसीआर टेस्ट की जरूरत है. हालांकि एक नेगेटिव रैपिड एंटीजन टेस्ट रिजल्ट इस बात की गारंटी नहीं है कि आप संक्रमित नहीं हैं, फिर भी यह आपके संपर्कों को टेस्ट न करने की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है.
कितनी बार रैपिड एंटीजन टेस्ट लेना चाहिए?
इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर ने बताया कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस कारण से टेस्ट करवा रहे हैं. अगर आप किसी निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा हैं, तो जब आपसे कहा जाए तो टेस्ट करवाएं. अगर आपको लक्षण नहीं हैं, तो सप्ताह में दो से तीन बार टेस्ट करने से टेस्ट सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद मिल सकती है क्योंकि वायरल लोड कम हो जाता है. जब वायरल लोड अपने चरम पर होगा तो टेस्ट सेंसिटिविटी सबसे ज्यादा होगी.
ओमिक्रॉन टेस्ट पर कैसे असर करता है?
उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि अत्यधिक म्यूटेशन वाला ओमिक्रॉन वेरिएंट का अभी भी PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट दोनों द्वारा पता लगाया जा सकता है. आमतौर पर, एक पीसीआर टेस्ट बताया है कि आपको कोविड संक्रमण है या नहीं, लेकिन यह नहीं कि आपके पास कौन सा प्रकार है. इसका पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की आवश्यकता होती है.
हालांकि, कुछ पीसीआर टेस्ट एक विशिष्ट जेनेटिक सीक्वेंस की तलाश करते हैं. वे विशेष PCR टेस्ट न केवल एक पॉजिटिव रिजल्ट का पता लगा सकते हैं, बल्कि यह भी पता लगा सकते हैं कि क्या व्यक्ति को ओमिक्रॉन होने की संभावना है.
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