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oi-Sagar Bhardwaj
नई दिल्ली, 17 नवंबर। बुधवार को जारी नवीनतम वार्षिक शिक्षा रिपोर्ट (ASER) के अनुसार, भारत में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने कोविड-19 महामारी के बीच प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है। महामारी से उपजे वित्तीय संकट, सरकारी स्कूलों में मुफ्त सुविधाएं, निजी तौर पर संचालित स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने में असफलता और कोरोना से संबंधित लॉकडाउन के कारण होने वाले प्रवास को इसकी मुख्य वजह बताया गया है।
गैर-लाभकारी संस्था प्रथम द्वारा जारी रिपोर्ट का 16वां संस्करण सितंबर और अक्टूबर के बीच 25 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 581 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए घरेलू टेलीफोन सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है। इस सर्वेक्षण में 76,706 घरों, 5-16 आयु वर्ग के 75,234 बच्चों और 7,300 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों को शामिल किया गया।
प्राइवेट स्कूलों में 24.4 फीसदी रहा नामांकन
सर्वे के अनुसार 2018 और 2020 के बीच सरकारी स्कूलों में नामांकन में 64.3% से बढ़कर 65.8% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं 2021 में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़कर 70.3% हो गया, जिसका मतलब है कि देशभर में पिछले एक साल में सरकारी स्कूलों में नामांकन में 4.5% की वृ्द्धि हुई है। वहीं, 2018 और 2021 के बीच सरकारी स्कूलों में नामांकन में लगभग 6% की वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों में नामांकन 2020 में 28.8% से घटकर इस साल 24.4% रह गया है।
सबसे ज्यादा नामांकन उत्तर प्रदेश और केरल से
अगर राज्यवार नामांकन की बात करें तो उत्तर प्रदेश और केरल में सरकारी स्कूलों में नामांकन में 2018 और 2021 के बीच अधिकतम वृद्धि क्रमश: 13.2 और 11.9 फीसदी हुई। वहीं इसी दौरान तेलंगाना में सरकारी स्कूलों में नामांकन में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में इसी दौरान सरकारी स्कूलों में नामांकन में मामूली वृद्धि हुई। सर्वे से पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में नामांकन सभी आयु वर्गों में बढ़ा है, लेकिन सबसे अधिक वृद्धि युवा छात्रों में दर्ज की गई है। 2020 और 21 के बीच कक्षा 1 और 2 के लिए सरकारी स्कूलों में लड़कों का नामांकन 10.9 फीसदी बढ़ा जबकि लड़कियों का नामांकन 7.4 फीसदी बढ़ा। उसी अवधि के दौरान कक्षा 6 से 8 के लिए सरकारी स्कूलों में लड़कों के नामांकन में 5.1% और लड़कियों के नामांकन में 2.2% की वृद्धि हुई।
हर वर्ग के छात्रों ने कराया नामांकन
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में नामांकित लड़कियों का कुल अनुपात पूर्व-महामारी के समय की तरह उच्च बना रहा। सर्वे के अनुसार सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों समेत कुल 52% लोगों ने इसके पीछे कोरोना वायरस के कारण उपजे वित्तीय संकट को जिम्मेदार बताया। वहीं 50% ने इसके पीछे सरकारी स्कूलों में मुफ्त मिलने वाली सुविधाओं को वजह बताया, वहीं 40% लोगों ने इसके पीछे प्राइवेट स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास आयोजित न करा पाने को वजह बताया, जिसकी वजह से अभिभावक सरकारी स्कूलों का विकल्प चुनने के लिए मजबूर हुए, जबकि 15% लोगों ने इसके पीछे लॉकडाउन के दौरान हुए प्रवास का हवाला दिया।
English summary
More enrollment in government schools than in private schools during the Corona period
Story first published: Wednesday, November 17, 2021, 16:05 [IST]