कोनिका लायक
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अच्छे भविष्य की ओर अग्रसर कोनिका का जन्म 1994 में धनबाद, झारखंड के अनुग्रह नगर में हुआ था। जन्मतिथि व समय की अनुपलब्धता के कारण उनकी एक औसत कुंडली बनाई गई। बुध के प्रभाव से वे प्रतिभाशाली और योग्य छात्रा रहीं। कोनिका ने प्राथमिक शिक्षा धनबाद, झारखंड के श्री श्रीलक्ष्मी नारायण ट्रस्ट महिला महाविद्यालय से प्राप्त की। धनबाद के ही आरएसपी कॉलेज, झरिया से मास्टर ऑफ कॉमर्स करते समय वे एनसीसी में शामिल हो गईं और वहीं से राइफल शूटिंग में उनकी रुचि विकसित हुई तथा विभिन्न जिला स्तरीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में भाग लिया। लगातार तीन वर्ष (2015, 2016 और 2017 में) कोनिका ने राज्य स्तरीय राइफल शूटिंग प्रतियोगिता जीती। वर्तमान वर्ष में, कोलकाता में सुप्रसिद्ध खेल कोच जयदीप कर्माकर के सानिध्य में शूटिंग अकादमी में उन्होंने शूटिंग का प्रशिक्षण शुरू किया।
इस सूर्य वर्ष का स्वामी मंगल है। शनि के प्रभाव से कुछ ही महीनों में चार निशानेबाजों ने आत्महत्या की है। कोनिका लायक़ आत्महत्या करने वाली चौथी निशानेबाज हैं। अभी चार दिन पहले ही जूनियर विश्व चैंपियनशिप (2021) में भाग लेने वाली 17 साल की खुश सीरत कौर ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली थी। इसके पहले अक्टूबर में, राज्य-स्तरीय निशानेबाज हुनरदीप सिंह सोहल ने अपने शूटिंग करियर को प्रभावित करने वाली चोट के बाद अपनी जीवन लीला का अंत कर लिया। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाले डबल ट्रैप निशानेबाज नमनवीर सिंह बराड़ ने सितंबर में मोहाली के अपने घर में खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।
बनाई गई कुंडली के अनुसार, कोनिका लायक की जिंदगी में सब कुछ सही चल रहा था। अगले वर्ष उनकी शादी के भी योग थे। परन्तु, गुरु और शुक्र के साथ होने के कारण उनके प्रशंसकों को यह दिन देखना पड़ा। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि कोनिका लायक का शव हावड़ा में उनके गर्ल्स् हॉस्टल में मिला। गुरुवार को प्रातः 11:00 बजे गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों ने शव देखा तो स्थानीय पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है और हत्या या आत्महत्या में शक ज़ाहिर करते हुए जाँच करने का आश्वासन दिया है। उनके कोच जयदीप कर्माकर ने भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि कोनिका आत्महत्या करके मर सकती है।
सूर्य और बुध के एक साथ बुध के घर में होने कारण उनके चेहरे पर सदैव एक आकर्षक मुस्कान होती थी। दोनों ग्रहों की दृष्टि मिथुन राशि में रहते हुए गुरु पर थी। इसीलिए, वे बहिर्मुखी और अंतर्मुखी दोनों ही नहीं थीं। इस स्वभाव के कारण उनके मस्तिष्क में चल रहे विचारों का किसी को पता नहीं। वे कभी डिप्रेशन से पीड़ित भले ही ना दिखी हों, लेकिन राहु के कारण उनके दिमाग़ में तनाव ज़रूर हो सकता है। उनके दो आपसी शत्रु ग्रह गुरु व शुक्र एक साथ शुक्र के घर में थे। अनिश्चित जन्म समय के अनुसार बनी कुंडली में इन दोनों ग्रहों के तुला राशि में पुल्लिंग रूप और चर अवस्था में होने के कारण गुरु ग्रह गोचर का प्रभाव उनके आकस्मिक मृत्यु के योग की वजह हो सकता है।
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली