सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करने पर महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला निश्चित ही स्वागत योग्य है, लेकिन सरकार का यह कदम चुनावी मजबूरी ज्यादा लग रहा है। उम्मीद है अब सरकार कश्मीर में की गई गलती भी सुधारेगी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। वहीं राजनीतिक गलियारे में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। हर पार्टी की इस मुद्दे पर अपनी राय है। कोई इसे किसानों की जीत बता रहा है तो कोई इसे सरकार का चुनावी दांव कह रहा है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
सरकार का फैसला चुनावी मजबूरी
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आखिरकार किसानों की जिद के आगे अहंकारी सरकार ने घुटने टेक ही दिए। सरकार का यह फैसला निश्चित ही स्वागत योग्य है, लेकिन सरकार का यह कदम चुनावी मजबूरी ज्यादा लग रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को डर है कि कहीं किसान आंदोलन के चलते उसे आगामी चुनावों में हार का सामना न करना पड़े, इसके चलते ही सरकार ने यह कदम उठाया है।
Decision to repeal farm laws & an apology is a welcome step, even though it stems from electoral compulsions & fear of drubbing in elections. Ironical that while BJP needs to please people in rest of India for votes,punishing & humiliating Kashmiris satisfies their major votebank
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 19, 2021
इसके साथ ही पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों की तरह ही 370 को भी बहाल कर देना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से उसकी ताकत सिर्फ इसलिए छीन ली गई कि अपने वोटरों को खुश किया जा सके। मुझे उम्मीद है कि सरकार अब कश्मीर में की गई गलती को भी सुधारेगी।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 15 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके बाद कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद कर रखा गया। वहीं महबूबा मुफ्ती कई मौकों पर 370 को बहाल करने की मांग उठा चुकी हैं। फिलहाल मुफ्ती हैदरपोरा एनकाउंटर पर सवाल उठाने के बाद से नजरबंद हैं। इस दौरान भी वो ट्विटर के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हैं।