मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में जीका के बढ़ते प्रकोप का जायजा लिया और लोगों को भरोसा दिलाया कि इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी जायेगी।
कोरोना के प्रसार के बाद से उत्तर प्रदेश में जीका वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है। अब तक यहां संक्रमिक मरीजों की संख्या 106 पहुंच गई है। इस दौरान कानपुर पहंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जीका के बढ़ते प्रकोप का जायजा लिया और लोगों को भरोसा दिलाया कि इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी जायेगी।
सीएम योगी ने कहा, “पिछले एक महीने में जीका वायरस के 105 मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें से 17 ठीक हो गये हैं। शहर के पांच वार्ड इस वायरस के संक्रमण से विशेष रूप से प्रभावित थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं नगर निगम सहित अन्य एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों की मदद से निगरानी एवं स्वच्छता अभियान को तेज कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया।” उन्होंने आगे कहा, “हमने स्वास्थ्य टीमों की संख्या बढ़ा दी है। मैंने स्थिति की समीक्षा भी की है। डरने की जरूरत नहीं है।” सीएम योगी नेस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मामलों की रिपोर्ट मांगी है।
We’ve increased the number of health teams. I have taken a review of the situation. There is no need to panic: UP CM Yogi Adityanath on Zika virus outbreak in Kanpur
— ANI UP (@ANINewsUP) November 10, 2021
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोना संक्रमण के बाद डेंगू और वायरल ने आम जनता को त्रस्त कर रखा था। अभी इनका प्रकोप खत्म भी नहीं हुआ था कि जीका वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। अब तक कानपुर में संक्रमितों की संख्या 105 पहुंच गई है। वहीं, कन्नौज में पहले से भी एक मामला सामने आया था जिससे कुल मामलों की संख्या 106 पहुंच गई है। प्रदेश सरकार लगातार इसपर नजर बनाये हुए है।
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस (Zika Virus) एडीज मच्छरों से फैलता है। ये उसी प्रजाति का मच्छर है जो डेंगू और चिकनगुनिया वायरस को फैलाता है। जीका वायरस की पहचान सबसे पहले 1947 में युगांडा के बंदरों में की गई थी तब अफ्रीका, एशिया, प्रशांत द्वीप समूह और दक्षिण और मध्य अमेरिका के लोग इससे काफी प्रभावित हुए थे। साल 2015-16 में अमेरिका ने जीका वायरस को महामारी घोषित कर दिया था।
एडीज की कई प्रजातियां जीका वायरस को फैलाती हैं, लेकिन एडीज एल्बोपिक्टस (एशियाई बाघ मच्छर) और एडीज इजिप्टी (पीला बुखार मच्छर) इनमें मुख्य हैं।
अभी तक नहीं बन पाई है कोई वैक्सीन
इस वायरस के लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं, परंतु ये वायरस डेंगू से भी खतरनाक है और अभी तक इसका कोई टीका या इलाज नहीं मिल सका है। कई लोगों में तो इसके लक्षण देखने को नहीं मिलते और वो ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को बूरी तरह से प्रभावित करते हैं। जीका वायरस (Zika Virus) कितना खतरनाक है आप इससे ही समझ सकते हैं कि ये मच्छर, यौन संबंध, गर्भ और खून दान करने से भी फैल सकता है। सबसे ज्यादा चिंता का विषय ये है कि संक्रमित गर्भवती मां से उसके अजन्मे बच्चे में भी यह संक्रमण फैल सकता है और संक्रमित मां से जन्मे बच्चे में बर्थ डिफेक्ट भी देखने को मिल सकता है। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर की दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो जल्द से जल्द इस वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करें जो गर्भवती महिलाओं को भी दी जा सके । मार्च 2016 से लेकर अब तक दुनिया भर की एक दो नहीं, बल्कि 18 दवा कंपनियां इस वायरस की वैक्सीन विकसित करने में जुटी हैं, परंतु अभी तक किसी को सफलता नहीं मिल पाई है।
बता दें कि कानपुर में जीका वायरस के कुल मामलों में दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। ऐसे में प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए गर्भवती महिलाओं की स्थिती पर नजर बनाये हुए है और समय-समय पर आवश्यक जांच करवा रहा है। कोरोना महामारी के बाद जिस तरह से जीका वायरस फैल रहा है, ऐसे में यूपी सरकार कोई रिस्क न लेते हुए जनता तक हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है।