सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी से जुड़े विवाद तब सामने आ रहे हैं जब मुस्लिम समर्थक पार्टी की छवि बदलने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मंदिर और मठों के चक्कर काट रहे हैं।
देश की राजनीति में हिंदू-मुस्लिम एक ऐसा मुद्दा है जिसका कांग्रेस के लिए भाजपा से मुकाबला करना लगभग नामुमकिन सा हो गया है। एक बार फिर ये पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम मुद्दे में उलझती नजर आ रही है। अभी सलमान खुर्शीद के विवादित किताब को लेकर विवाद थमा भी नहीं था कि राशिद अल्वी ने हिंदू-मुस्लिम मसले में अपने बयान से आग में घी डालने का काम किया है। इससे भाजपा को कांग्रेस को घेरने और हिंदुओं को लुभाने के उसके प्रयासों को शून्य करने का अवसर मिल गया है। वहीं, कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल के लिए गुलाम नबी आजाद को भी मैदान में उतार दिया है। खुर्शीद की किताब और फिर राशिद अल्वी का विवादित बयान, इन दोनों ने ही यूपी के चुनावी मुद्दों को धार्मिक मुद्दों की ओर मोड़ दिया है।
राशिद अल्वी का बयान और भाजपा का हमला
दरअसल, उत्तर प्रदेश के संभल के ऐचोड़ा कम्बोह में पांच दिवसीय कल्कि महोत्सव चल रहा है जिसमें कांग्रेस नेता राशिद अल्वी भी पहुंचे थे। इस महोत्सव में राशिद अल्वी ने जय श्रीराम का नारा लगाने वालों की तुलना रामायण के कालनेमी राक्षस से कर दी, जिसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस हिन्दू विरोध के मुद्दे पर चारों तरफ से घिर गई है। राशिद अल्वी ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “कुछ लोग जय श्री राम का नारा लगाकर देश के लोगों को गुमराह करते हैं, ऐसे लोगों से होशियार रहना चाहिए। आज जो जय श्री राम बोलते हैं, वे बिना नहाए बोलते हैं। आज भी बहुत लोग जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वे सब मुनि नहीं हैं”।
सलमान ख़ुर्शीद के बाद अब कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी जय श्री राम कहने वालों को निशाचर (राक्षस) बता रहे हैं।
राम भक्तों के प्रति कांग्रेस के विचारों में कितना ज़हर घुला हुआ है। pic.twitter.com/kHG3vXSpDW
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 12, 2021
भाजपा ने तुरंत इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया। अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “सलमान खुर्शीद के बाद अब कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी जय श्री राम कहने वालों को निशाचर (राक्षस) बता रहे हैं। राम भक्तों के प्रति कांग्रेस के विचारों में कितना जहर घुला हुआ है।”
इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी को कई लोगों ने आड़े हाथों लिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी नें कहा कि जय श्री राम का नारा लगाने वाले मुनि नहीं, बल्कि निशिचर (राक्षस) हैं। pic.twitter.com/SEaQT2sCGB
— Prashant Umrao (@ippatel) November 12, 2021
Dear Hindus,
Next time when you think of voting for Congress, remember what Hinduphobic @INCIndia
leader Rashid Alvi said,‘People who chant “Jai Shri Ram” are Not Saints But Demons…’#rashidalvi #Hindutva #JaiShriRam
— श्रद्धा | Shraddha 🇮🇳 (@immortalsoulin) November 12, 2021
चारों तरफ से खुद को घिरता देख राशिद अल्वी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि ‘कार्यक्रम स्थल पर कई संत मौजूद थे, जिन्होंने मेरे भाषण का स्वागत किया। मैंने ये नहीं कहा कि जय श्री राम कहने वाले ‘राक्षस’ हैं। मैंने कहा कि जो लोग जय श्री राम कहते हैं वो मुनि नहीं हैं। राम आस्था की बात है और राजनीतिकरण से ऊपर है। मैंने कहा है कि भारत में राम राज्य होना चाहिए जहां नफरत न हो।’
कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल
इससे पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब ‘Sunrize Over Ayodhya: Nationhood in Our Times’ का विमोचन कर कांग्रेस के लिए एक नया विवाद खड़ा कर दिया था। इस किताब में उन्होंने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तो सही ठहराया, परंतु हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम से की थी।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने डैमेज कंट्रोल के लिए गुलाम नबी आजाद को मैदान में उतार दिया जिन्होंने हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन ISIS और बोको हरम से करने को गलत ठहराया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में हिंदुत्व से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन ISIS और जिहादी इस्लाम के साथ इसकी तुलना करना तथ्यात्मक रूप से गलत है।
प्रियंका गांधी की मेहनत पर फिरा पानी
इस बयान से भी कांग्रेस पार्टी को कोई बड़ा फायदा होते नहीं दिखाई दे रहा, वो भी तब जब सलमान खुर्शीद यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ काम कर रहे हैं और मैनिफेस्टो कमेटी के प्रभारी भी हैं, ऐसे में भाजपा के लिए कांग्रेस को घेरना और आसान हो गया है।
सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी से जुड़े विवाद तब सामने आ रहे हैं जब मुस्लिम समर्थक पार्टी की छवि बदलने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मंदिर और मठों के चक्कर काट रहे हैं।
राहुल गांधी तो खुद को जनेऊधारी हिंदू तक साबित करने के प्रयास कर चुके हैं, जबकि हाथों में तुलसी की माला और माथे पर त्रिपुंड लगा कर प्रियंका गांधी वाड्रा बनारस में ‘जय माता दी’ के नारे के साथ रैली करती हुई नजर आ चुकी हैं। ऐसे में प्रिंयका गांधी के किये कराये पर पानी फिर सकता है।
पार्टी के नेता ही बने पार्टी के लिए मुसीबत
एक तरफ राहुल गांधी और प्रिंयका गांधी खुद को हिंदू साबित करने में लगे हैं, दूसरी तरफ सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी जैसे नेता भाजपा को पार्टी को घेरने का अवसर दे देते है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्टी को अपने ही नेताओं के विवादित बयान के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। खुद राहुल गांधी ने कहा था कि लोग लड़कियां छेड़ने के लिए मंदिर जाते हैं। इसके बाद कांग्रेस और उसके शीर्ष नेतृत्व की विचारधारा पर कई सवाल उठे थे।।
दिग्विजय सिंह द्वारा ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द गढ़ना हो या शशि थरूर का ‘हिन्दू पाकिस्तान’ कहना हो, भाजपा ने हर बार कांग्रेस के हिन्दू कार्ड को उसके अतीत में किये गए हिन्दू विरोध को जनता के सामने रख पासा पलटा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा काफी अहम माना गया था तब भी कपिल सिब्बल का अयोध्या मामला टालने का अनुरोध देश की जनता को याद था।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए अब उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है।
👉दूर करेंगे कोरोना की आर्थिक मार
परिवार को देंगे 25 हज़ार👉20 लाख को सरकारी रोजगार
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 23, 2021
हालांकि, प्रियंका गांधी वाड्रा ने जिन सात वचन के साथ यूपी में बदलाव की तस्वीर सामने रखी थी वो अब सलमान खुर्शीद और अल्वी जैसे नेताओं के कारण विफल होते नजर आ रहे हैं। ये चुनाव ही प्रियंका गांधी की छवि को एक मजबूत नेता के तौर पर चित्रित करने का काम करेगा। ऐसे में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कैसे स्थिति को संभालती हैं ये देखना दिलचस्प होगा।