CryptoPotato की रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों को अमित भारद्वाज से जुड़े इस बड़े स्कैम का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। भारद्वाज पर GainBitcoin कही जाने वाली एक मल्टीलेवल मार्केटिंग (MLM) चलाने का आरोप है, जिसमें बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट पर 10 प्रतिशत के मासिक रिटर्न का वादा किया गया था। इन दोनों पर भारद्वाज से करोड़ों रुपये के बिटकॉइन अपने व्यक्तिगत क्रिप्टो वॉलेट्स में ट्रांसफर करने और इस मामले पर काम कर रहे अन्य अधिकारियों को गलत स्क्रीनशॉट देने का आरोप है। इन दोनों ने लगभग 354 करोड़ रुपये के बिटकॉइन चुराए थे।
वरिष्ठ अधिकारियों के भारद्वाज की KYC डिटेल्स की जांच करने पर पता चला की उनकी ओर से नियुक्त किए गए सायर क्राइम एक्सपर्ट और एक पुलिस अधिकारी ने भी गड़बड़ी की है। इसके बाद इन दोनों को मार्च की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारद्वाज को ED के निर्देश का पालन नहीं करने और क्रिप्टो वॉलेट की डिटेल्स नहीं बताने के कारण फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था, “हमें उलझाने की कोशिश न करें।” इसके साथ ही भारद्वाज को उसके क्रिप्टो वॉलेट के पासवर्ड ED को बताने का निर्देश दिया गया था।
हाल के महीनों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं। पिछले वर्ष के अंत में गुजरात में राजकोट की क्राइम ब्रांच ने 17 लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्टमेंट पर अधिक रिटर्न का लालच देकर 38 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इस वर्ष की शुरुआत में बेंगलुरु के एक क्रिप्टो इनवेस्टर को स्कैम में दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। विदेश में भी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है और इनमें करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है।
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