Sunday, April 10, 2022
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कम इम्यूनिटी वाले लोगों को लेनी चाहिए कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज – स्टडी


पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर हुई एक ताजा स्टडी में ये सिफारिश की गई है कि कमजोर इम्यूनिटी (low Immunity) वाले लोगों को कोविड वैक्सीन की तीसरी खुराक जरूर लेनी चाहिए. खासतौर से वैक्सीन की ये बूस्टर डोज लेना उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है, जिनका अंग प्रत्यारोपण होना है, क्योंकि उनका शरीर SARS-CoV-2 वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने में कम सक्षम है. नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर (National University of Singapore) के रिसर्चर्स द्वारा की गई इस स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड-19 वैक्सीन की अतिरिक्त डोज से उन लोगों को फायदा हो सकता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो. बीएमजे (BMJ) में प्रकाशित इस स्टडी के अनुसार, कोविड-19 वैक्सीन की अतिरिक्त डोज से उन लोगों को फायदा हो सकता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो.

नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर के रिसर्चर्स के अनुसार, 82 रिसर्च के विश्लेषण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम हो या फिर अचानक कम हो गई हो, उन्हें तीसरी डोज अवश्य दी जानी चाहिए. इस स्टडी में 77 में एमआरएनए (mRNA) वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया था, जबकि 16 में वायरल वेक्टर वैक्सीन्स (viral vector vaccines) का इस्तेमाल किया गया था.

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इम्यूनिटी कम होने के मामले आए सामने
कोविड-19 की एक वैक्सीन डोज के बाद जिन लोगों में इम्यूनिटी कम हो गई है, उनमें सेरोकनवर्जन (seroconversion) कम होना पाया गया है. सेरोकनवर्जन संक्रमण या वैक्सीन लगने के बाद एंटीबाडीज बनाने का प्रॉसेस है, ताकि इम्यूनिटी प्रॉसेस वायरस से मुकाबला कर सके.

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रिसर्च में ये भी बताया गया है कि सॉलिड कैंसर के मुकाबले ब्लड कैंसर के मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है, जबकि जिन लोगों में अंग प्रत्यारोपण होना होता है, उनमें प्रतिरोधक क्षमता 16 गुनी कम हो जाती है. COVID-19 वैक्सीन की एक खुराक के बाद, एचआईवी वाले लोगों को छोड़कर, इम्युनोकम्प्रोमाइज्ड (immunocompromised) समूहों में सेरोकनवर्जन कम पाया गया.

Tags: Coronavirus, Health, Health News, Lifestyle



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