Significance of Guru Gobind Jayanti
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सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की जयंती है का पर्व 9 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा. गुरु गोबिंद सिंह जयंती, जिसे गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है, इस शुभ अवसर पर दुनिया भर के सिख एक-दूसरे को बधाई देते हैं तथा गुरु गोबिंद सिंह के बाते गए मार्ग एवं उनकी शिक्षाओं का पालन करने का संकल्प भी धारण करते हैं. गुरु गोबिंद सिंह का व्यक्तित्व प्रकाश स्वरूप था जिसके सानिध्य में जो भी आया वह उस प्रकाश से सराबोर हुए बिना रह नहीं पाया. गुरु गोबिंद सिंह एक महान गुरु के साथ साथ एक महान योद्धा के रूप में भी जाने जाते रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने काव्य एवं रचनाओं द्वारा समस्त जन में नई चेतना को विकसित किया. गुरु गोबिंद सिंह जी भारत में मुगल शासन का विरोध करने और शासकों के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले महान गुरु थे. गुरु गोबिंद सिंह जी की वचन आज भी विश्व स्तर पर लाखों सिखों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करते हैं. उन्होंने जिस शांति और समानता का उपदेश दिया था, वह भारत में प्रचलित जाति व्यवस्था और समाज को पीछे धकेलने वाले सभी प्रकार के अंधविश्वास के खिलाफ था और भाईचारे का प्रतीक बना.
वह एक ईश्वर में विश्वास करने वाले भी थे, और उन्होंने सिखों को 5 चीजों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया, वे थे- कंघा, केश, कच्छा, कड़ा, और कृपाण. यह गुरु गोबिंद सिंह ही थे जिन्होंने सिख धर्म में खालसा पंथ की शुरुआत की थी. इसलिए, उन्हें खालसा पंथ के पिता के रूप में भी जाना जाता है.
गुरु गोबिंद सिंह का जीवन और उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उनके जीवनकाल समय में थी. ऐसे में यदि आज भी अगर हम अपने जीवन में शामिल कर लेते हैं तो य्ह जीवन को एक बेहतर और सफल जीवन देने में सक्षम होता है. आईये जानने की कोशिश करते हैं कि ये शिक्षाएं आपके लिए काफी उपयोगी रह सकती हैं.
गुरु गोबिंद सिंह के विचार
- अपने भविष्य के साथ साथ वर्तमान को लेकर भी ध्यान दें और उस पर भी उत्साह के साथ आगे बढ़ने से आप अच्छी सफलताओं को पाते हैं.
- अपने अहंकार को मिटा करके आप आत्मिक शांति को प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए जरूरी होगा की आप अपने अहंकार को पूर्ण रुप से समाप्त करके ही अपने लिए सकारात्मक रुप से आगे बढ़ सकते हैं.
- सच का रास्ता ही आपके जीवन को मजबूत आधार दे सकता है. .
- अच्छे काम करने और बुराई को समाप्त करके आगे बढ़ने से ही आप ईश्वर द्वारा दिए हुए अपने जन्म को सार्थक कर पाएंगे इसलिए शुभता के साथ आगे.
- मनुष्य का मनुष्य से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति होती है और आज के समय में ये शिक्षा पूर्ण रुप से हम सभी के लिए अत्यंत आवश्यक शिक्षा है.
- आप अपने शुभ कर्मों से ही आप ईश्वर का सानिध्य प्राप्त कर सकते हैं और आपके अच्छे कर्म ही आपके लिए सफलता की कुंजी बनते हैं.
- कोई भी व्यक्ति अगर किसी असहाय व्यक्ति को पीड़ा देता है अपनी तलवार से वार करता है तो समझो वह अपने ईश्वर का रक्त बहा रहा है.
- गुरु जीवन का आधार बनता है और जो गुरु को पूजता है वह ईश्वर को स्वत: ही पूज लेता है.
- जरूरतमंदों की सहायता करने से ही आप सच्चा सुख पा सकते हैं और ईश्वर की भक्ति कर सकते हैं.
- अपनी आय का दसवां हिस्सा अवश्य दान करें आपका दान दूसरे के जीवन को सुखमय बनाने में सहायक होता है और आप अपने कर्मों को शुभ कर पाते हैं.
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