Omicron Medicine: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के साथ ही पूरी दुनिया में कोविड-19 की तीसरी लहर का कहर जारी है. ऐसे में कोरोना से बचने के लिए लगातार कोविड-19 सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की जा रही है. कोरोना के वैक्सीन की बूस्टर डोज भी आ गई है जिससे संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सफलता भी मिल रही है. हालांकि भारत समेत कई देशों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में आपको सही इलाज और दवाओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. WHO ने हाल ही में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं, जिसमें WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने दो नई दवाओं की सिफारिश की है. जानते हैं कोरोना के इलाज में आपको कौन सी दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए और कौन सी दवाओं के सेवन से बचना चाहिए.
इन दवाओं का इस्तेमाल करें
WHO की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, कोरोना के इलाज में अब बारिसिटिनिब, कैसिरिविमैब-इमदेविमैब, टोसिलिजुमैब या सरीलूमैब, रुक्सोलिटिनिब, सोत्रोविमैब जैसे ड्रग संक्रमित लोगों को दिए जा सकते हैं. इसमें भी एक्सपर्ट्स ने खासतौर से टोसिलिजुमैब, बारिसिटिनिब या सरीलूमैब और सिस्टमैटिक कोर्टिकोस्टेरॉयड जैसी दवाओं को बेहतर माना है. वहीं सोत्रोविमैब, रुक्सोलिटिनिब, टोफासिटिनिब और कैसिरिविमैब-इमदेविमैब जैसी दवाओं को ऑप्शनल या किसी विशेष परिस्थिति में देने के लिए कहा है.
WHO का दावा है कि इन दवाओं से अस्पताल जाने और वेंटिलेटर पर पहुंचने की संभावना कम हो जाती है. वहीं गंभीर स्थिति और मौत का खतरा भी कम हो जाता है. डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन में कुछ दवाओं का सेवन न करने की सलाह भी दी गई है. कोरोना की सबसे खतरनाक दूसरी लहर के दौरान कई देशों में इन दवाओं का इस्तेमाल किया गया था.
इन दवाओं का इस्तेमाल न करें
WHO ने जिन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है उसमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, लोपिनाविर/रिटोनाविर और रेमेडिसिविर जैसी दवाएं शामिल हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि इन दवाओं के उपयोग से स्थिति को गंभीर होने से रोकने के सबूत कम मिलें हैं. ऐसे में इसमें से कुछ दवाओं को क्लीनिकल ट्रायल के लिए भेजे जाने की सिफारिश भी की गई है.
बच्चों को कौन सी दवाएं दें?
WHO के अनुसार, कोरोना से प्रभावित बच्चों को कैसिरिविमैब-इमदेविमैब मेडिसिन दी जा सकती है. हालांकि ये अच्छी बात है कि बच्चों में कोरोना के गंभीर मामले बहुत कम ही सामने आ रहे हैं. यूएन ने कहा है कि अगर किसी बच्चे में गंभीर लक्षण दिखाई दें तो उसके इलाज में टोसिलिजुमैब दवा के इस्तेमाल भी किया जा सकता है. पॉलीयार्टिकुलर जुवेनाइल रूमेटॉइड आर्थराइटिस या काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल से प्रेरित साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम की कंडीशन होने पर इसका उपयोग किया जा सकता है. वहीं सरीलूमैब का इस्तेमाल बच्चों के लिए नहीं करनी की सलाह दी है.
वैक्सीन है सबसे प्रभावी
WHO ने अपनी गाइडलाइन में ये साफ कहा है कि कोरोना से बचने का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन है. जिन दोनों में पर्याप्त वैक्सीन हैं वहां कोरोना से संक्रमित मरीजों के हॉस्पिटलाइजेशन और मौत के कम मामले सामने आ रहे हैं. वहीं नई बूस्टर डोज भी लोगों को कोरोना के खतरे से बचाने का काम कर रही है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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