विटामिन बी-3 एक एंटीऑक्सीडेंट भी है, जिससे यह मुक्त कणों से होने वाली क्षति को कम करने में मदद करता है। इसलिए नियासिन की कमी होने से पेलाग्रा नामक समस्या होने का जोखिम भी बढ़ सकता है। जिसके परिणामस्वरूप आपकी त्वचा के साथ एड़ियां भी ड्राई और पपड़ीदार हो सकती हैं।
नई दिल्ली
Updated: February 27, 2022 11:13:13 am
आमतौर पर फटी एड़ियों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। एड़ियां फटने के कई कारण हो सकते हैं। खुश्क त्वचा, बदलते मौसम, लंबे समय तक खड़े रहने, अधिक गरम पानी से नहाने, धूल-मिट्टी के ज्यादा संपर्क में आने आदि कारणों से एड़ियां फट सकती हैं। लेकिन आपको बता दें कि एड़ियों के फटने का एक कारण आपके शरीर में विटामिन की कमी भी हो सकती है। क्योंकि आपके शरीर में होने वाले परिवर्तनों का असर आपकी त्वचा पर भी दिखाई पड़ता है।
एड़ियों के फटने को न करें नजरअंदाज, इस विटामिन की भारी कमी से मिलते हैं ये संकेत
इसलिए यदि आपके शरीर में सही से पोषण नहीं पहुँच पा रहा है और विटामिंस की कमी हो रही है, तो इससे आपकी स्किन रूखी-सूखी, बेजान और समय से पहले बूढ़ी हो सकती है। यहाँ तक कि कुछ परिस्थितियों में शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से त्वचा में दरारें भी आ जाती हैं। तो आइए जानते हैं किस विटामिन की भारी कमी का संकेत आपकी फटी एड़ियां हैं और विटामिंस की कमी को दूर करने के लिए क्या खाएँ…
1. विटामिन बी-3 की कमी
विटामिन बी-3 यानि नियासिन एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो ऊर्जा चयापचय में सहायक होता है। इस विटामिन के बिना आप भोजन की ऊर्जा को शरीर के कार्यरत रहने में काम आने वाली ऊर्जा के रूप में नहीं बदल सकते। विटामिन बी-3 एक एंटीऑक्सीडेंट भी है, जिससे यह मुक्त कणों से होने वाली क्षति को कम करने में मदद करता है। इसलिए नियासिन की कमी होने से पेलाग्रा नामक समस्या होने का जोखिम भी बढ़ सकता है। जिसके परिणामस्वरूप आपकी त्वचा के साथ एड़ियां भी ड्राई और पपड़ीदार हो सकती हैं। विटामिन बी-3 की कमी को दूर करने के लिए आप चिकन, ब्राउन राइस, एवोकाडो, टूना और सालमन मछली, मसूर की दाल आदि का सेवन कर सकते हैं।
2. विटामिन ई की कमी
विटामिन ई एक ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो आपकी कोशिकाओं को सुरक्षित रखने के साथ ही उन्हें लंबे समय तक जीवित भी रखता है। विटामिन ई से स्किन हेल्दी रहने के साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत बनती है। विटामिन ई की कमी भी खुश्क त्वचा और फटी एड़ियों कि समस्या को जन्म दे सकती है। साथ ही इससे कोलेजन निर्माण भी प्रभावित होता है। ऐसे में आप विटामिन ई डिफिशिएन्सी से लड़ने के लिए अपने आहार में बादाम या सूरजमुखी का तेल, हेज़लनट्स, सालमन मछली, पाइन नट्स, आम तथा एवोकाडो आदि शामिल कर सकते हैं।
3. विटामिन सी की कमी
कॉलेजन निर्माण में विटामिन सी की अहम भूमिका होती है। आपका शरीर त्वचा को पर्यावरणीय क्षति से बचाने के लिए काफी मात्रा में विटामिन सी का इस्तेमाल करता है। विशेषज्ञों की मानें तो, सूरज की हानिकारक किरणों से बचाव में भी विटामिन सी आवश्यक है। यह आपकी त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करता है। अर्थात विटामिन सी कि कमी से भी आपकी त्वचा, बाल और एड़ियां सूखी और निर्जलीकृत हो सकती हैं। इसलिए विटामिन सी की मात्रा शरीर में बनाए रखने के लिए आप अपनी डाइट में गोभी, लाल तथा हरी मिर्च, ब्रोकली, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, संतरा और ब्रसल स्प्राउट आदि शामिल कर सकते हैं।
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